Chanakya Niti: महान अर्थशास्त्री, राजनेता और कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य के विचार आज भी लोगों के लिए मार्गदर्शन का काम करते हैं. उनके सिद्धांत और नीतियां हमें व्यक्तिगत जीवन में भी सफलता और सही फैसले लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. चाणक्य का मानना था कि जिंदगी में सफलता केवल भाग्य से नहीं मिलती, बल्कि उसके लिए सही सोच, अनुशासन और आदतों का होना बेहद जरूरी है. आज भी, उनके उपदेश कठिन परिस्थितियों में सही दिशा दिखाते हैं और हमें यह सिखाते हैं कि कैसे मुश्किल परिस्थितियों में भी धैर्य और समझदारी से काम लिया जा सकता है.
चाणक्य हमें यह बताते हैं कि नकारात्मक आदतें छोड़कर और सही दिशा अपनाकर हम अपने जीवन को और बेहतर बना सकते हैं. आइए, आज जानते हैं चाणक्य के उन विचारों और नीतियों के बारे में, जो हमें जीवन में न केवल सफलता दिलाने में मदद करते हैं, बल्कि मुश्किल समय में भी सही सोच के साथ आगे बढ़ने में मदद करते हैं.
अपनी तारीफ करने से बचें
आचार्य चाणक्य का मानना था कि व्यक्ति को हमेशा अपनी तारीफ करने से बचना चाहिए. अगर कोई इंसान लगातार सिर्फ अपनी ही तारीफ करता रहे और खुद को सबसे बेहतर समझे, तो लोग उससे जुड़ने में हिचकिचाते हैं. ऐसे व्यक्तियों के लिए न केवल सामाजिक संबंध बनाने में मुशकिलें होती है, बल्कि पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में भी कामयाबी हासिल करना मुश्किल हो जाता है.
चाणक्य के अनुसार, जो लोग मानते हैं कि उन्हें हर चीज की पूरी जानकारी है और दूसरों की समझ या योगदान को कम आंकते हैं, वे अक्सर अपने विकास और प्रगति के रास्ते में खुद ही बाधा बन लेते हैं. यह अहंकार उन्हें सीखने और दूसरों से सहयोग लेने से रोकता है.
टालमटोल करने की आदत
आचार्य चाणक्य के अनुसार, आज का काम कल पर टालना या टालमटोल करने की आदत सफलता की राह में सबसे बड़ी बाधा है. जो व्यक्ति अपने कामों को समय पर पूरा नहीं करता, वह अक्सर पीछे रह जाता है, ऐसे इंसान को अपने लक्ष्यों को हासिल करने में मुश्किल आती है.
इस आदत से अवसर हाथ से निकल जाते हैं, काम का दबाव बढ़ता है, नतीजनतन आत्मविश्वास भी कम होने लगता है. चाणक्य कहते हैं कि समय की कीमत को समझना और हर काम को समय पर पूरा करना सफलता पाने का अहम हिस्सा है. जो लोग आज का काम आज ही कर लेते हैं, वे न केवल अपने अवसरों का सही इस्तेमाल करते हैं, बल्कि अपने आत्मविश्वास और अनुशासन को भी मजबूत बनाते हैं. इसलिए, टालमटोल की आदत को त्यागना और समय का सही इस्तेमाल करना इंसान को कामयाब बनाता है.
दूसरों को नीचा दिखाने की आदत
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति दूसरों का अपमान करता है या उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश करता है, वह न केवल दूसरों के सामने अपनी इज्जत खो देता है बल्कि ऐसा करके वो अपने आप को भी नुकसान पहुंचा रहा होता है. ऐसे लोग यह सोचते हैं कि दूसरों को कम दिखाकर खुद को बड़ा साबित किया जा सकता है, लेकिन वास्तविकता इसके बिलकुल उलट होती है. दूसरों की आलोचना और नीचा दिखाने की आदत व्यक्ति के रिश्तों को कमजोर करती है. चाणक्य कहते हैं कि सच्ची महानता दूसरों को नीचा दिखाने में नहीं, बल्कि उनके साथ समझदारी, सहयोग और सम्मान के व्यवहार में छिपी होती है.
अपनी बातों को खुलकर बताने से बचें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अपने जीवन, योजनाओं और निजी बातों को हर किसी के साथ साझा करना अक्सर आपके विकास और उन्नति में बाधा बन सकता है. जब हम अपनी गुप्त योजनाओं और विचारों को बिना सोच-विचार के दूसरों के सामने रखते हैं, तो यह न केवल हमारी रणनीतियों को कमजोर करता है बल्कि अवसरों का नुकसान भी करा सकता है.
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