Chanakya Niti: 2 ऐसे लोग जो आपके जीवन को जीते जी बना सकते हैं नर्क, तुरंत बना लें इनसे दूरी

Chanakya Niti: चाणक्य के अनुसार दो प्रकार के लोग विशेष रूप से जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं. ये लोग व्यक्ति को धीरे-धीरे दुख, धोखे और मानसिक पीड़ा की ओर ले जाते हैं.

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चाणक्य ने ऐसे लोगों से दूर रहने की सलाह दी है( Pexels) चाणक्य ने ऐसे लोगों से दूर रहने की सलाह दी है( Pexels)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 10:21 AM IST

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी हमारे जीवन में मार्गदर्शन का काम करती हैं. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में आपसी रिश्ते और परिस्थितियों के हिसाब से सबंधों की बारीकियों को समझने की भी सलाह दी है. वो अपनी नीति में लिखते हैं कि इंसान की जिंदगी में कुछ ऐसे संबंध हैं, जो आपको जीते जी मृत्यु का अनुभव कराते हैं. ये परिस्थितियां व्यक्ति के मन और जीवन को तोड़ देती हैं. इसलिए, ऐसी परिस्थितियों से हमेशा सतर्क रहना चाहिए, और यदि जीवन में ये परिस्थितियां उत्पन्न हो जाएं, तो उन्हें तुरंत त्याग देना ही बेहतर है. 

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चाणक्य के मुताबिक 2 ऐसे लोग हैं जो आपकी जिंदगी को जीते जी नर्क जैसा बना सकते हैं. चाणक्य सलाह देते हैं कि ऐसे लोगों को तुंरत छोड़ देना चाहिए. जानतें हैं वो कौन से लोग हैं. 

दुष्ट मित्र 

जीवन में अच्छे दोस्त बेहद जरूरी है. लेकिन अगर दोस्त गलत हो तो वह व्यक्ति को धीरे-धीरे बर्बादी की ओर बढ़ने लगता है. दुष्ट मित्र हमेशा अपने स्वार्थ के लिए साथ रहता है. ऐसे दोस्त मौका मिलते ही धोखा देने से नहीं हिचकिचाते.  चाणक्य का मानना है कि ऐसे मित्र का होना, जीते जी मृत्यु झेलने के समान है.

सहारा ना देने वाले रिश्तेदार 

आचार्य चाणक्य के अनुसार, रिश्तों की असली पहचान मुसीबत के समय में ही सामने आती है. अक्सर हमें लगता है कि हमारे परिवार और संबंधी हमेशा हमारे साथ खड़े हैं, लेकिन वास्तविक परीक्षा तब होती है जब हम कठिनाइयों और संकटों का सामना करते हैं.  ऐसे समय में अगर कोई संबंधी न केवल मदद नहीं करता बल्कि केवल दिखावे के लिए बातें करता है या अपनी उपस्थिति दिखाता है, तो उसका होना बेकार है. 

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चाणक्य कहते हैं कि ऐसे संबंध जीवन में केवल दुख, तनाव और अपमान पैदा करते हैं. ये लोग न केवल हमारी परेशानियों को हल करने में मदद नहीं करते, बल्कि हमारी मानसिक शांति और आत्मविश्वास को भी प्रभावित करते हैं. जीवन में ऐसे संबंधों की उपस्थिति धीरे-धीरे व्यक्ति को भीतर से कमजोर और अकेला बना देती है.

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