Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि के उपवास क्यों हैं इतने फायदेमंद? साइंस के नजरिए से जानें इसका महत्व

चैत्र नवरात्रि के समय जलवायु में बदलाव होता है. इस जलवायु में कई नए बैक्टीरिया पैदा होते हैं जिससे हमारा शरीर लड़ने के लिए तैयार नहीं होता है. इन बैक्टीरिया से लड़ने के लिए हमारे शरीर को तैयार करने के लिए ही उपवास किए जाते हैं.

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चैत्र नवरात्रि चैत्र नवरात्रि

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 7:20 AM IST

Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि देवी का व्रत है. नवरात्रि में देवी के 9 रूपों की पूजा की जाती है. इस समय हम शक्ति, ऊर्जा, सुख-समृद्धि और शांति, आध्यात्मिक ज्ञान की उपासना करते हैं और व्रत रखते हैं. व्रत को धार्मिक मान्यताओं से जोड़कर देखा जाता है लेकिन साइंस का इसके पीछे बेहद इंटरेस्टिंक कारण है. तो आइए जानिए नवरात्रि में उपवास रखने पर साइंस का क्या कहना है?

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शरीर को डिटॉक्सिफाई करना है उपवास का महत्व

नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान लोग उपवास करते हैं और सात्विक भोजन का सेवन करते हैं. सात्विक भोजन शुद्ध और संतुलित माना जाता है. ऐसा भोजन जो शरीर की मशीन में आसानी से पचे और कोई विकार पैदा करे, उसे सात्विक भोजन कहते हैं. गरिष्ठ या तामसिक भोजन जो स्वाद में अच्छा लग सकता है लेकिन उसे पचाने में शरीर को ज्यादा ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है. इससे शरीर और मन दोनों थक जाता है. ऐसा खाना खाकर आप सुस्ती महसूस करने लगते हैं.

दूसरी तरफ, सादा खाना पाचन तंत्र को आराम भी देता है और डिटॉक्सिफिकेशन भी होता है. नवरात्रि के दौरान उपवास रखने का वैज्ञानिक कारण आपके शरीर को डिटॉक्सिफाई करना है. हफ्ते में एक बार हल्का खाना खाने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है. व्रत आंतों को साफ करने और उसको मजबूत करने में भी मदद करता है.

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गरिष्ठ आहार जैसे आलू, अरबी, जमीकन्द, ज्यादा तली हुई चीजें, जंक फूड का भी उपवास में ज्यादा सेवन नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि, डायबिटीज में लोगों को व्रत रखने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. उन्हें व्रत में खाना नहीं छोड़ना चाहिए. अगर व्रत करते समय उनकी तबीयत खराब हो रही है तो उन्हें व्रत वहीं रोक देना चाहिए. साथ ही समय पर दवाओं का सेवन भी करना चाहिए. जिनका बी.पी बढ़ा रहता है वो लोग भी व्रत रख सकते हैं. उन्हें व्रत के दौरान ज्यादा चाय या कॉफी का सेवन नहीं करना है. वो लोग नींबू पानी, नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं. व्रत के खाने में ऐसे लोग सेंधा नमक का सही प्रयोग करके उसका भी सेवन कर सकते हैं. फलों का सेवन करें. ज्यादा समय तक भूखा नहीं रहना है. 

आयुर्वेद में जो चीजें सात्विक बताई गई हैं, उनका ही सेवन करें. अगर आप 9 दिन का व्रत रख रहे हैं तो कोशिश करें कि आप कुट्टू के आटे की रोटी ही बनाएं. तले हुए खाने से व्रत के दौरान बचें क्योंकि तले हुए खाने से वजन बढ़ता है. कुट्टू के आटे का इस तरह से सेवन करें कि वो आसानी से डाइजेस्ट हो सके. इससे बी.पी. सही रहेगा. अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है तो जरूरी नहीं कि आपको व्रत रखना ही है,आप मां दुर्गा की पूजा कीजिए. इससे भी आपको मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलेगा.

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जो लोग काम में ज्यादा व्यस्त रहते हैं वो चाहें तो सिर्फ दो व्रत रख सकते हैं. वो लोग व्रत के दौरान फल-फूल का सेवन कर सकते हैं, काजू-बादाम वगैरह का सेवन भी कर सकते हैं. दही, दूध और छाछ का सेवन भी कर सकते हैं. काम से लौटने के बाद मां सप्तशती का पाठ किया जा सकता है. प्रेग्नेंट महिलाओं को नवरात्रि में व्रत नहीं रखना चाहिए क्योंकि उस समय महिलाएं अंदरूनी रूप से कमजोर होती है. लेकिन, अगर कोई महिला व्रत रखना चाहती है तो उन्हें अपनी सेहत का पूरी तरह से ध्यान रखना चाहिए. दवाओं का ध्यान रखना चाहिए. पानी लगातार पीना चाहिए. फलों का सेवन करना चाहिए.

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