Badrinath Dham 2025: आज से खुल गए हैं भक्तों के लिए बद्रीनाथ धाम के कपाट, जानें सही मुहूर्त

Badrinath Dham 2025: उत्तराखंड के चारधाम में से चौथे बद्रीनाथ धाम के कपाट आज से श्रद्धालुओं के लिए खोले जा रहे हैं. बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे हिंदुओं के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है.

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बद्रीनाथ धाम के कपाट आज से खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट आज से खुले

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 मई 2025,
  • अपडेटेड 4:30 PM IST

Badrinath Dham 2025: उत्तराखंड के चारधाम में से चौथे बद्रीनाथ धाम के कपाट आज से श्रद्धालुओं के लिए खोले जा रहे हैं. बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे हिंदुओं के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है. इस धाम का वर्णन स्कन्द पुराण, केदारखण्ड, श्रीमद्भागवत आदि अनेक धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है. गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ ही बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलते हैं और श्रीहरि अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. 

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बद्रीनाथ के मुख्य मंदिर के अलावा अन्य चार बद्रियों के मंदिर भी यहां स्थापित है. श्री विशाल बद्री पंच बद्रियों में से मुख्य है और इनकी देव स्तुति का पुराणों में विशेष वर्णन किया जाता है. यहां श्री योगध्यान बद्री, श्री भविष्य बद्री, श्री वृद्ध बद्री, श्री आदि बद्री मौजूद हैं. माना जाता है कि इन सभी रूपों में भगवान बद्रीनाथ यहां निवास करते हैं. आइए जानते हैं कि इस बार बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने का समय क्या है और भगवान विष्णु के दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं को किन बातों का ध्यान रखना होगा.

कितने बजे खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट?

4 मई यानी आज श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट ठीक प्रातः 6 बजे दर्शन के लिए खोले जाएंगे. दरअसल, सुबह 4 बजे मंदिर समिति के अधिकारी, कर्मचारी मंदिर परिक्रमा में उपस्थित होंगे और 4 बजकर 30 मिनट पर श्री कुबेर जी दक्षिण द्वार से मंदिर परिक्रमा में प्रवेश करेंगे. उसके बाद 5 बजे सुबह विशिष्ट अतिथिगण तथा रावल, धर्माधिकारी, वेदपाठी, हक-हकूकधारी, डिमरी पंचायत प्रतिनिधि मंदिर परिक्रमा में पहुंचेंगे. सुबह साढ़े पांच बजे से द्वार पूजन शुरू हो जाएगा. और ठीक उसके आधे घंटे बाद बद्रीनाथ के कपाट खोल दिए जाएंगे.  

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क्या है बद्रीनाथ के कपाट खुलने की विधि

बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारियों को 'रावल' के नाम से जाना जाता है. यानी बद्रीनाथ धाम में पूजा दक्षिण भारत के मालाबार क्षेत्र के आदि शंकराचार्य के वंशजों में से उच्चकोटि के नम्बूदरी ब्राह्मण परिवार के सदस्य करते हैं, जिन्हें रावल कहा जाता है. वे ही भगवान बद्रीनाथ की मूर्ति को स्पर्श कर सकते हैं और पूजा कर सकते हैं. दरअसल, बद्रीनाथ धाम में पूजा नारदीय पांचरात्रि परंपरा से होती है. 

बद्रीनाथ के कपाट खुलने के दौरान विशेष अनुष्ठान

बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने का समारोह आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करने वाले आयोजन होता है. मंदिर के पुजारी भगवान बद्री विशाल का आशीर्वाद पाने के लिए विस्तृत पूजा और अनुष्ठान करते हैं. इस समारोह में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भक्ति और शांति का माहौल बनाया जाता है.

बद्रीनाथ धाम कैसे पहुंचें

वायुमार्ग- निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है, जो बद्रीनाथ से लगभग 315 किमी. दूर है. 

रेल मार्ग- निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है, जो लगभग 295 किमी. दूर है. 

सड़क मार्ग- बद्रीनाथ सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. आप हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून से टैक्सी या बस किराए पर ले सकते हैं. 

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