Adhik Maas 2023: नए साल में 13 महीने का होगा हिंदू कैलेंडर! 19 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग

Adhik Maas 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, आने वाला साल 12 की बजाए 13 महीनों का रहने वाला है. दरअसल 2023 में भगवान शिव का प्रिय सावन का महीना एक नहीं, बल्कि दो महीने का रहेगा. ऐसा अधिक मास की वजह से होगा. इसे मलमास भी कहा जाता है.

Advertisement
नए साल में 13 महीने का होगा हिंदू कैलेंडर, 19 साल बाद बन रह ये दुर्लभ संयोग नए साल में 13 महीने का होगा हिंदू कैलेंडर, 19 साल बाद बन रह ये दुर्लभ संयोग

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:48 PM IST

Adhik Maas 2023: नया साल 2023 शुरू होने में अब थोड़ा ही समय बाकी रह गया है. ज्योतिषियों की मानें तो साल 2023 बेहद खास रहने वाला है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आने वाला साल 12 की बजाए 13 महीनों का रहने वाला है. दरअसल 2023 में भगवान शिव का प्रिय सावन का महीना एक नहीं, बल्कि दो महीने का रहेगा. ऐसा अधिक मास की वजह से होगा. इसे मलमास भी कहा जाता है. ज्योतिषियों का कहना है कि अधिकमास के कारण 19 साल बाद श्रावण मास दो महीने का होने वाला है.

Advertisement

कब से कब तक रहेगा अधिक मास?
साल 2023 में अधिकमास 18 जुलाई से प्रारंभ होगा और 16 अगस्त 2023 तक रहेगा. इस महीने को भगवान विष्णु की भक्ति का मास माना जाता है. चूंकि ये महीना श्रावण मास के साथ लग रहा है, इसलिए भगवान शिव की उपासना करने वालों को भी उनकी उपासना के लिए ज्यादा समय मिलेगा.

क्या है मलमास?
हिंदू कैलेंडर में हर तीन साल में एक अतिरिक्त महीना जुड़ जाता है, जिसे अधिकमास, मलमास या पुरुषोत्तम कहते हैं. सूर्य वर्ष 365 दिन और 6 घंटे का होता है. वहीं चंद्र वर्ष 354 दिनों का माना जाता है. दोनों वर्षों के बीच लगभग 11 दिनों का अंतर होता है. हर साल घटने वाले इन 11 दिनों को जोड़ा जाए तो ये एक माह के बराबर होते हैं. इसी अंतर को पाटने के लिए हर तीन साल में एक चंद्र मास अस्तित्व में आता है, जिसे अधिकमास कहते हैं.

Advertisement

अधिकमास में न करें ये गलतियां

शादी-विवाह- अधिक मास में शादी-विवाह वर्जित होते हैं. इस समय अगर विवाह किया जाए तो न तो भावनात्मक सुख मिलेगा और न ही शारीरिक सुख. पति-पत्नी के बीच अनबन रहेगी और घर में सुख-शांत का वास नहीं करेगी.

नई दुकान या काम- अधिकमास में नया व्यवसाय या नया कार्य शुरू न करें. मलमास में नया व्यवसाय आरम्भ करना आर्थिक मुश्किलों को जन्म देता है. इसलिए नया काम, नई नौकरी या बड़ा निवेश करने से बचें.

भवन निर्माण- इसमें नए मकान का निर्माण और संपत्ति का क्रय करना वर्जित होता है. इस अवधि में बनाए घरों की सुख-शांति हमेशा भंग रहती है. अगर आपको घर खरीदना है या कोई संपत्ति खरीदनी है तो अधिकमास के आने से पहले ही खरीद लें.

शुभ कार्य- अन्य मंगल कार्य जैसे कि कर्णवेध, और मुंडन भी वर्जित माने जाते हैं, क्योंकि इस अवधि में किए गए कार्यों से रिश्तों के खराब होने की सम्भावना ज्यादा होती है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement