Margashirsha Maas 2024: मार्गशीर्ष का महीना आज से शुरू, जानें क्या है इसकी महिमा और नियम

Margashirsha Maas 2024: मार्गशीर्ष यानी अगहन महीना श्रीकृष्ण और विष्णु पूजा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. इस महीने में शंख पूजा, नदी स्नान, दान, भजन-कीर्तन और पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व है. अगहन महीने में श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं और पुण्य प्राप्त होता है.

Advertisement
मार्गशीर्ष का महीना 2024 मार्गशीर्ष का महीना 2024

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:13 PM IST

Margashirsha Maas 2024: मार्गशीर्ष हिंदू पंचांग का नौवां महीना है इसे अग्रहायण या अगहन का महीना भी कहते हैं. इसे हिंदू शास्त्रों में सर्वाधिक पवित्र महीना माना जाता है. ऐसा कहते हैं कि इसी महीने से सतयुग का आरंभ माना जाता है. कश्यप ऋषि ने इसी महीने में कश्मीर की रचना की थी. इस महीने को जप, तप और ध्यान के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. इसमें पवित्र नदियों में स्नान करना विशेष फलदायी होता है. मार्गशीर्ष का महीना 16 नवंबर यानी आज से शुरू हो चुका है. 

Advertisement

क्या है मार्गशीर्ष मास का महत्व

सतयुग में देवों ने मार्गशीर्ष की प्रथम तिथि को ही वर्ष प्रारंभ किया. मार्गशीर्ष मास में विष्णुसहस्त्र नाम, भगवत गीता और गजेन्द्रमोक्ष का पाठ जरूर करें. इस माह में शंख में पवित्र नदी का जल भरें. फिर इसे पूजा स्थान पर रखें. शंख को भगवान के ऊपर से मंत्र जाप करते हुए घुमाएं. शंख में भरा जल घर की दीवारों पर छीटें घर में शुद्धि बढ़ती है और शांति आती है. इसी मास में महोत्सवों का आयोजन होना अत्यं‍त शुभ माना जाता है. मार्गशीर्ष की पूर्णिमा को चन्द्रमा की पूजा जरूर करनी चाहिए.

मार्गशीर्ष महीने के लाभ 

इस महीने में मंगलकार्य विशेष फलदायी होते हैं. इस महीने में श्रीकृष्ण की उपासना और पवित्र नदियों में स्नान विशेष शुभ होता है. साथ ही संतान से संबंधित वरदान बहुत सरलता से मिलता है. चन्द्रमा से अमृत तत्व की प्राप्ति भी होती है. इस महीने में कीर्तन करने का फल अमोघ होता है.

Advertisement

मार्गशीर्ष मास में किन बातों का रखें ध्यान? 

इस महीने में तेल की मालिश बहुत उत्तम होती है. इस महीने से चिकनाई वाली चीज़ों का सेवन शुरू कर देना चाहिए. लेकिन इस महीने में जीरे का सेवन नहीं करना चाहिए. इस महीने से मोटे वस्त्रों का उपयोग भी शुरू कर देना चाहिए. इस महीने से संध्याकाल की उपासना अनिवार्य हो जाती है. 

मार्गशीर्ष के महीने में करें ये उपाय 

इस महीने में नित्य गीता का पाठ करें. भगवान कृष्ण की ज्यादा से ज्यादा उपासना करें. कान्हा को तुलसी के पत्तों का भोग लगाएं और उसे प्रसाद की तरह ग्रहण करें. पूरे महीने "ऊं नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें. अगर इस महीने किसी पवित्र नदी में स्नान का अवसर मिले तो जरूर करें.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement