Bhaum Pradosh Vrat 2025: भौम प्रदोष व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

Bhaum Pradosh Vrat 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 07 जुलाई 2025 को रात में 11 बजकर 10 मिनट पर होगी. इसका समापन 9 जुलाई को रात में 12 बजकर 38 मिनट पर होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को रखने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार को दोषों से छुटकारा मिलता है.

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रवि प्रदोष व्रत 2025 रवि प्रदोष व्रत 2025

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 6:00 AM IST

Bhaum Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है. यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन जो व्यक्ति श्रद्धाभाव के साथ भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करता है, उसे सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलता है. यह पावन व्रत हर माह  शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है.

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भौम प्रदोष व्रत का महत्व 

भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और हनुमान जी दोनों की पूजा होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को रखने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार को दोषों से छुटकारा मिलता है. साथ ही यह व्रत मंगल दोष को दूर करने में अत्यंत लाभकारी माना जाता है.

प्रदोष व्रत 2025 तारीख और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 07 जुलाई 2025 को रात में 11 बजकर 10 मिनट पर होगी. इसका समापन 9 जुलाई को रात में 12 बजकर 38 मिनट पर होगा. उदयतिथि के अनुसार, 8 जुलाई को भौम प्रदोष रखा जाएगा. चूंकी यह तिथि मंगलवार के दिन होती है, इसलिए यह भौम प्रदोष व्रत कहलाया जाएगा. ऐसे में 8 जुलाई को महादेव का पूजन करने से लिए शुभ मुहूर्त शाम  07 बजकर 23 मिनट से लेकर 09 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.

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भौम प्रदोष व्रत पूजन विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद मन में व्रत का संकल्प लें. शाम के समय घर के मंदिर और मुख्य दरवाजे पर दीपक जलाएं. साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजन करें. महादेव को सफेद चंदन, फूल, बेलपत्र और अक्षत चढ़ाएं और प्रदोष व्रत की कथा सुनें. इसके बाद भगवान की आरती करें और अपनी मनोकामना मांगे. माना जाता है कि इस तरह व्रत करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है.

न करें ये गलती 

भौम प्रदोष व्रत के पावन दिन महादेव की पूजा करते वक्त उन्हें तुलसी का पत्ता न अर्पित करें. साथ ही इस दिन तामसिक भोजन जैसे- मांस-मदिरा या प्याज-लहसुन से दूर रहें. अपशब्दों का प्रयोग न करें और व्रत रखने वाले इस दिन बाल और नाखून न काटें.

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