'लड़ना है तो बाहर आओ, देख लूंगा...', BJP और BAP सांसद में तीखी बहस, विधायक ने दी धमकी

डूंगरपुर में DISHA बैठक के दौरान एजेंडे को लेकर सांसद राजकुमार रोत और मन्नालाल रावत के बीच तीखी बहस हो गई. विवाद में विधायक उमेश डामोर भी शामिल हो गए. हालात इतने बिगड़ गए कि बैठक 15 मिनट तक बाधित रही.

Advertisement
डूंगरपुर में दिशा बैठक में आपस में भिड़े सांसद राजकुमार रोत और सांसद मन्नालाल रावत (Photo: Screengrab) डूंगरपुर में दिशा बैठक में आपस में भिड़े सांसद राजकुमार रोत और सांसद मन्नालाल रावत (Photo: Screengrab)

राजेश सोनी

  • डुंगरपुर,
  • 29 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST

डूंगरपुर के जिला परिषद सभागार में सोमवार को आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (DISHA) की बैठक उस वक्त हंगामे में तब्दील हो गई, जब भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत और उदयपुर से भाजपा सांसद मन्नालाल रावत के बीच तीखी नोकझोंक हो गई.

हालात इतने बिगड़ गए कि प्रशासन और सुरक्षा कर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा. बैठक की शुरुआत में ही बांसवाड़ा से बीएपी सांसद राजकुमार रोत ने एजेंडे से इतर राज्य सरकार से जुड़े मुद्दे उठाए.

Advertisement

बहस की शुरुआत एजेंडे को लेकर हुई लेकिन कुछ ही देर में व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तक पहुंच गई. हालात इस कदर तनावपूर्ण हो गए कि वहां मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा.

इस वजह से शुरू हुआ विवाद

दरअसल भाजपा सांसद मन्नालाल रावत ने जिला परिषद के ईडीपी सभागार में आयोजित दिशा की बैठक में केवल केंद्र सरकार की योजनाओं पर चर्चा किए जाने पर जोर दिया. वहीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे सांसद राजकुमार रोत ने एजेंडे से इतर राज्य सरकार से जुड़े मुद्दे उठाए. रोत ने कहा कि जनता से जुड़ी हर समस्या पर चर्चा करना उनका अधिकार है.

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में बीजेपी विधायक-सांसद भिड़े, MLA ने मांगा 23 करोड़ का मुआवजा

रोत ने कहा, "बैठक का अध्यक्ष मैं हूं और यहां क्षेत्र की हर उस समस्या पर चर्चा हो सकती है जो जनता से जुड़ी है." इसी दौरान रोत ने रावत पर बैठक का माहौल खराब करने का आरोप लगाया. बाद में दोनों सांसदों के बीच बहस शुरू हो गई जो तू-तू, मैं-मैं तक पहुंच गई.

Advertisement

विवाद उस समय और बढ़ गया जब आसपुर विधायक उमेश डामोर भी बहस में शामिल हो गए. विधायक और सांसद के बीच तीखी तकरार के दौरान ‘बाहर आकर देख लेने’ जैसी टिप्पणी तक हो गई. विधायक ने कहा कि अगर लड़ाई करनी है तो बाहर आकर खुलकर करें.

करीब 15 मिनट तक चले हंगामे के बाद अन्य जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के हस्तक्षेप से स्थिति संभली. बैठक में मौजूद अन्य सदस्यों और प्रशासनिक अधिकारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों पक्षों को शांत कराया और तब जाकर बैठक दोबारा शुरू हो सकी.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement