Rajasthan News: जयपुर से अपहृत हुए एक लड़के को राजस्थान पुलिस ने पांच दिन बाद करीब 500 किलोमीटर दूर हिमाचल प्रदेश के सोलन से छुड़वा लिया. इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. बदमाशों ने लड़के के अच्छे कपड़ों में देखा था और उसे किसी पैसेवाले का बेटा समझ कर किडनैप कर लिया था. जबकि अपहृत का पिता ऑटो रिक्शा ड्राइवर हैं. खास बात यह है कि इस वारदात का मुख्य आरोपी सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. एक बिजनेस में हुए नुकसान की भरपाई के लिए इंजीनियर ने अपने साथियों संग इस वारदात को अंजाम दिया था.
जयपुर पुलिस ने एक युवक के अपहरण मामले में न सिर्फ उसको बदमाशों के चंगुल से मुक्त करवाया, बल्कि हिमाचल की जिस होटल में बदमाशों ने उसको बंधक बना रखा था, वहीं जाकर इस अंदाज में सरप्राइज दिया कि बदमाश भी दंग रह गए. पुलिस ने लड़के को सकुशल दस्तयाब करने का वीडियो भी बनाया. पुलिस के जांबाज होटल के कमरे में एंट्री लेते ही कहते हैं- ''अनुज, खड़ा हो जा बेटा...जयपुर पुलिस है मस्त रहो, आपके लिए ही आए है हम.''
यही नहीं, 5 दिन तक बदमाशों की प्रताड़ना झेलने वाले अनुज नाम के युवक को पुलिस ने उसी के जन्मदिन पर मुक्त करवा परिवार को भी बड़ा अनोखा गिफ्ट दिया.
मुंह पर टेप लगा और हाथ-पांव बांध गाड़ी में डाल ले गए
पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया, बीते 18 अगस्त को अनुज अपने एक दोस्त के साथ जयपुर के नाहरगढ़ पहाड़ी पर घूमने गया था. इस दौरान वहां मौजूद बदमाशों ने अनुज के अच्छे कपड़े पहने देखकर उसे संपन्न परिवार का समझा और उसके मुंह पर टेप लगाकर हाथ-पांव बांधकर अपने साथ गाड़ी में डालकर ले गए. वहीं, उसके दोस्त के साथ मारपीट कर उसे रास्ते में ही पटककर फरार हो गए. सूचना मिलने पर ब्रह्मपुरी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पहाड़ी पर ड्रोन से सर्च किया लेकिन अनुज नहीं मिला. इसके बाद पुलिस ने किसी विवाद के चलते अपहरण की आशंका जाहिर की और पुलिस की कई टीम ऑपरेशन में जुटी रही.
20 लाख रुपए की फिरौती मांगी
इस दौरान अपहरणकर्ताओं ने अनुज के परिवार से संपर्क कर 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी. ऑटो ड्राइवर पिता ने इतनी धनराशि होने से इंकार किया और पैसे जुटाने के लिए वक्त मांगा. इस दौरान पुलिस फोन नंबर को ट्रेस कर अपहरणकर्ताओं की तलाश में जुटी रही. लेकिन अपहरणकर्ता पुलिस को छकाने के लिए लगातार जगह बदलते रहे और अंत में उन्होंने पैसे लेकर कालका-शिमला एक्सप्रेस ट्रेन के आखिरी डिब्बे में बैठने को कहा.
पैसों का बैग फेंकने को कहा तो पकड़े गए
पुलिस टीमों ने योजना के तहत ट्रेन के रूट पर टीमों को तैनात रखा था. जैसे ही अपहरणकर्ताओं ने धर्मपुर रेलवे स्टेशन के पास पैसों का बैग फेंकने को कहा, तो वहां खड़े एक युवक को पुलिस को दबोच लिया. आरोपी से पूछताछ के बाद पुलिस ने एक के बाद एक अन्य आरोपियों को भी दबोच लिया. इसके बाद पुलिस उस होटल तक पहुंच गई, जहां अनुज को बंधक बना रखा था. वहां कमरे में अनुज के पास एक बदमाश भी सो रहा था, लेकिन पुलिस एक्शन की उसको भी भनक नहीं लगी. इसके बाद पुलिस ने अपहृत लड़के को सकुशल मुक्त करा अपहरण की वारदात में शामिल एक महिला के अलावा 4 युवकों को गिरफ्तार किया है.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर निकला मास्टरमाइंड
पुलिस गिरफ्त में आए आरोपी वीरेंद्र सिंह, विनोद, अमित कुमार, जितेंद्र भंडारी और जमुना सरकार है. पुलिस की मानें तो वारदात का मास्टरमाइंड सॉफ्टवेयर इंजीनियर आरोपी वीरेंद्र सिंह है, जो ऑइल का बिजनेस कर चुका है.
बिजनेस में घाटा होने पर रची साजिश
बिजनेस में नुकसान होने और तकनीकी संसाधनों से युक्त होने के चलते अपने पुराने परिचित आरोपी अमित कुमार और विनोद सिंह को साथ लेकर अपनी लिव-इन में रहने वाली संगिनी जमुना सरकार की मदद से अपहरण कर फिरौती वसूलने का प्लान बनाया.
कोड वर्ड के जरिए अनुज का अपहरण
इस प्लानिंग में शामिल वीरेंद्र सिंह की गैंग 18 अगस्त को जयपुर की नाहरगढ़ पहाड़ी की ऊंचाई पर जाकर बैठ गई. वहीं, अपहरण करने के लिए वाहन सहित नींद की गोलियां, पानी की बोतल, कटिंग टैप, रस्सियां और अन्य चाकू, पेचकस जैसे धारदार उपकरण का भी इस्तेमाल कर लिया. इसके बाद वॉकी-टॉकी के जरिए घने अंधेरे में कोड वर्ड के जरिए अनुज का अपहरण कर लिया, लेकिन अब पुलिस के हत्थे चढ़ गए.
(इनपुट: विशाल शर्मा)
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