जयपुर अग्निकांड पर मंत्रालय का बड़ा एक्शन... बनाई फोरेंसिक इन्वेस्टिगेशन टीम, स्पॉट पर हर एंगल से हो रही जांच

जयपुर अग्निकांड के बाद सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है. मंत्रालय ने मामले की विस्तृत जांच के लिए फोरेंसिक इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया है. यह टीम घटनास्थल पर पहुंचकर हादसे के हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही है. इस फोरेंसिक टीम में क्रैश कंट्रोल एक्सपर्ट्स शामिल हैं, जो सड़क की संरचना, वाहनों की फिटनेस आदि देख रहे हैं.

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स्पॉट पर जांच करने पहुंची टीम. (Photo: Aajtak) स्पॉट पर जांच करने पहुंची टीम. (Photo: Aajtak)

हिमांशु शर्मा

  • अलवर,
  • 26 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:55 PM IST

जयपुर अग्निकांड पर सड़क और परिवहन मंत्रालय का बड़ा एक्शन देखने को मिला है. मंत्रालय ने इस मामले की जांच पड़ताल के लिए फोरेंसिक इन्वेस्टिगेशन टीम (forensic investigation team) बनाई है. इस टीम में क्रैश कंट्रोल एक्सपर्ट शामिल हैं. एक्सपर्ट घटनास्थल पर पहुंचकर प्रत्येक एंगल से जांच कर रहे हैं. इस तरह की घटना फिर न हो, इसके लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहे हैं. इसी के साथ पूरे मामले की जांच चल रही है.

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बता दें कि जयपुर अग्निकांड में अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है. इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. हादसे के जो वीडियो सामने आए, वो बेहद खौफनाक हैं. इस पूरे मामले में अब एक्शन देखने को मिल रहा है. सबसे बड़ा एक्शन सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से देखने को मिला.

मंत्रालय ने इस पूरे मामले की जांच के लिए फोरेंसिक इन्वेस्टिगेशन टीम (forensic investigation team) बनाई है. यह टीम जयपुर पहुंच चुकी है. इसमें क्रैश घटनाओं को इन्वेस्टिगेशन करने वाले स्पेशल कंसलटेंट शामिल हैं, जो प्रत्येक बिंदु पर जांच पड़ताल कर रहे हैं.

एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि क्रैश इन्वेस्टिगेशन टीम ने ज्वलनशील पदार्थों को लेकर जाने वाले वाहनों के नोजल को चेक किया, इसके साथ ही वाहनों की फिटनेस, वाहनों को चलाने वाले ड्राइवरों की जांच, सड़क की चौड़ाई, सड़क पर लगे सिग्नल, हाइवे पर बने कट और मोड़, ट्रैफिक की स्पीड, वाहनों की संख्या, ट्रैफिक संचालन के नियम सहित ऐसे कई बिंदु हैं, जिनकी जांच चल रही है.

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एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अजय आर्य ने बताया कि एक उच्च स्तरीय समिति जांच कर रही है. कमेटी के सामने एनएचएआई, पुलिस और परिवहन विभाग सहित सभी जिम्मेदार विभागों ने अपने सुझाव रखे हैं.

यह भी पढ़ें: मंजिल से 200 मीटर पहले मौत... ट्रेन छोड़ बस में चढ़ी 22 साल की लड़की, जयपुर टैंकर क्रैश में चली गई जान

कमेटी अपने स्तर पर इस मामले को इन्वेस्टिगेट करने के बाद रिपोर्ट देगी. मंत्रालय के द्वारा बनाई गई फोरेंसिक इन्वेस्टिगेशन टीम घटनास्थल पर पहुंचकर जांच कर रही है. वाणिज्यिक वाहनों की फिटनेस, ड्रिंक एंड ड्राइव, जेडीए द्वारा हाल ही में विकसित की गई कनेक्टिविटी, यातायात के नियम, ड्राइविंग, ड्राइवर का व्यवहार, ड्राइवर पर पूर्व में लगाए गए जुर्माना, उनका वाहन लाइसेंस, ट्रैफिक, लाइट्स के कार्य, हाइवे पर नजर रखी जा रही है.

हाइवे के ब्लैक स्पॉट पर बने फ्लाईओवर

जयपुर-किशनगढ़ राजमार्ग संख्या 48 कुल 90.385 किलोमीटर लंबा है. इस मार्ग से प्रतिदिन 1 लाख से ज्यादा वाहन गुजरते हैं. आए दिन होने वाले हादसों को देखते हुए इस राजमार्ग पर 10 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए थे, जिनमें हीरापुर, भांकरोटा, नरसिंहपुर, देहमी बालाजी, महला, गाड़ोता, मोखमपुरा, सवारदा, पड़ासोदी व बंदर सिंदरी हैं. इनमें से नौ जगहों पर फ्लाईओवर निर्माण हो चुका है. एक जगह पर फ्लाईओवर का निर्माण होना है. यह निर्माण मार्च 2026 तक पूरा होगा.

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पुलिस और एनएचएआई की तरफ से वाहन चालकों को जागरूक किया जा रहा है. वाहन चालकों को यातायात नियमों की जानकारी देने के साथ ही बरती जाने वाली सावधानी के बारे में भी जानकारी दी जा रही है. इसी के साथ वाहनों की जांच- पड़ताल की जा रही है.

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