राजस्थान के उदयपुर जिले में पत्नी की निर्मम हत्या के मामले में अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोषी पति को मृत्युदंड की सजा सुनाई है. मावली अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार (30 अगस्त) को दिए फैसले में कहा कि अभियुक्त किशनलाल उर्फ किशनदास ने न सिर्फ अपनी पत्नी लक्ष्मी के साथ, बल्कि पूरी मानवता के साथ अपराध किया है. अदालत ने आरोपी को फांसी के साथ 50 हजार रुपये का जुर्माना और एक साल का कठोर कारावास भी सुनाया. आदेश में साफ लिखा गया है कि आरोपी को गर्दन से तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मौत न हो जाए.
सरकारी वकील दिनेश पालीवाल ने बताया कि जज राहुल चौधरी ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि अपराध इतना जघन्य है कि आरोपी को सुधारने या समाज में वापस लाने का कोई औचित्य नहीं है. यह अपराध समाज को झकझोर देने वाला है और इसका उदाहरण पेश करना आवश्यक है.
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दरअसल, मामला वल्लभनगर थाना क्षेत्र के नवानिया गांव का है. यहां किशनलाल अपनी पत्नी लक्ष्मी को बार-बार उसके रंग-रूप को लेकर ताने मारता था. वह उसे 'काली और मोटी' कहकर अपमानित करता और मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था. पति की टिप्पणियों से आहत लक्ष्मी गोरा होने की चाह में कई बार उसकी बातों को गंभीरता से लेती थी.
24 जून 2017 की रात आरोपी ने पत्नी से कहा कि वह एक दवाई लाया है जिससे वह गोरी हो जाएगी. लक्ष्मी ने जब उस द्रव्य को सूंघा तो उसमें एसिड जैसी गंध आई, लेकिन पति की खुशी के लिए उसने शरीर पर लगाने के लिए हामी भर दी. जैसे ही लक्ष्मी ने द्रव्य लगाया, किशनलाल ने जलती हुई अगरबत्ती उसके पास ले जाकर आग लगा दी. यही नहीं, आरोपी ने बोतल में बचा हुआ द्रव्य भी पत्नी के शरीर पर उड़ेल दिया, जिससे आग और भड़क उठी.
'सास, ससुर और ननद ने लक्ष्मी को अस्पताल में भर्ती कराया'
आग लगने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया. घर में मौजूद सास, ससुर और ननद ने किसी तरह पानी डालकर आग बुझाई. गंभीर रूप से झुलसी लक्ष्मी को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने मरने से पहले मजिस्ट्रेट के सामने पूरा बयान दिया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
अदालत ने सुनवाई के दौरान माना कि आरोपी का अपराध क्रूरता की पराकाष्ठा है और इसे किसी भी परिस्थिति में माफ नहीं किया जा सकता. अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाते हुए कहा कि यह फैसला समाज में सख्त संदेश देगा.
सतीश शर्मा