'युद्ध में नुकसान नहीं, दुश्मन की हार मायने रखती है...', बोले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने भारतीय वायुसेना को हुए नुकसान का जिक्र किया था. शेखावत ने आज तक से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि युद्ध में नुकसान गिनना नहीं, बल्कि दुश्मन को झुकाने की क्षमता मायने रखती है.

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आजतक से बात करते गजेंद्र सिंह शेखावत आजतक से बात करते गजेंद्र सिंह शेखावत

देव अंकुर

  • नई दिल्ली,
  • 01 जून 2025,
  • अपडेटेड 6:34 PM IST

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने भारतीय वायुसेना को हुए नुकसान का जिक्र किया था. शेखावत ने आज तक से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि युद्ध में नुकसान गिनना नहीं, बल्कि दुश्मन को झुकाने की क्षमता मायने रखती है.

शेखावत ने कहा, 'मुझे लगता है कि युद्ध अपना नुकसान गिनने का विषय नहीं होता. इस बात से युद्ध का आंकलन होता है कि सामने वाले पक्ष ने किस तरह से, किस परिस्थिति में आ कर, झुककर आपके सामने समझौता किया है. पाकिस्तान को बिना किसी शर्त के घुटने टिका कर चार दिन में केवल हमने समझौता करने के लिए, सीजफायर करने के लिए, आग्रह करने के लिए मजबूर कर दिया. मुझे लगता है कि यह विषय ज्यादा महत्वपूर्ण है.'

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हमसे क्या गलतियां हुईं ये देखना ज्यादा जरूरी
बता दें कि सीडीएस जनरल चौहान ने सिंगापुर में आयोजित शांग्री-ला डायलॉग सिक्योरिटी समित के दौरान एक इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान के साथ हाल की झड़प के दौरान भारतीय लड़ाकू विमानों को हुए नुकसान मायने नहीं रखते, बल्कि यह जरूरी है कि क्या गलतियां की गईं. उन्होंने कहा कि आंकड़े महत्वपूर्ण नहीं हैं, अहम यह है कि हमने उसके बाद क्या किया.

इसी इंटरव्यू में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ नई 'रेड लाइन' खींच दी है और उम्मीद जताई कि सैन्य कार्रवाई से पड़ोसी मुल्क कुछ सबक जरूर सीखेगा.

'ताली बजाने के लिए दो हाथों को जोड़ना पड़ता है'
सीडीएस अनिल चौहान ने आगे कहा कि ताली बजाने के लिए दो हाथों को जोड़ना पड़ता है, उम्मीद है कि वे इसे समझेंगे. ऑपरेशन सिंदूर 7 मई की सुबह शुरू किया गया था, जिसका मकसद 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकवादी ठिकानों को तबाह करना था. इसके बाद पाकिस्तानी हमलों का जवाब भी इसी ऑपरेशन के तहत दिया गया था.

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300 किलोमीटर अंदर तक टारगेट
उन्होंने कहा कि हम 300 किलोमीटर अंदर तक सटीकता के साथ टारगेट करने में सक्षम थे और पाकिस्तान के एयरबेस और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया. यह हमारी मजबूत एयर डिफेंस क्षमता को दिखाता है. जनरल चौहान ने कहा कि आतंकवादियों की वजह से दुनिया में अस्थिरता बढ़ रही है और वे संघर्षों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाते हैं. 

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