राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में गृह राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीमों ने यादव की कोटपूतली में कंपनियों पर छापा मारा है. यहां तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. दिल्ली से ED की कई टीमें आई हैं. कुछ दिन पहले ही यादव की कंपनियों पर आयकर विभाग ने कार्रवाई की थी.
इससे पहले आयकर विभाग ने राजेंद्र सिंह यादव के ठिकाने पर रेड मारी थी. यह पहली बार नहीं है, जब गहलोत सरकार के किसी मंत्री के ठिकाने पर केंद्रीय एजेंसी ने छापा मारा. जलदायी मंत्री महेश जोशी के विभाग में ईडी ने छापा मारा था. अनियमितताएं बरते जाने का आरोप लगा था. माना जा रहा है कि चुनावी साल होने की वजह से कांग्रेस इसे एक बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश करेगी.
मिड्डेमील घोटाले से जुड़े हैं तार!
जानकारी के मुताबिक, यह पूरा मामला मिड्डे मील से जुड़ा है. केंद्रीय एजेंसियां मिड्डे मील में गड़बड़ी की जांच कर रही हैं. इस घोटाले में यादव की कंपनियां रडार पर हैं. सितंबर 2022 में इनकम टैक्स ने राजेंद्र यादव के 53 ठिकानों पर छापे मारे थे. राजेंद्र यादव के शिक्षा संबंधी कई बिजनेस हैं. वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी मंत्री हैं.
बताते चलें कि मंत्री यादव एजुकेशन समेत कई व्यवसाय से जुड़े हैं. सूत्रों ने बताया है कि यह छापेमारी मिड्डेमील और पौष्टिक आहार बनाने वाले निर्माता, सप्लाई करने वालों, उनके सहयोगियों और परिचितों के यहां की जा रही है. उस समय सबसे ज्यादा 37 ठिकानों पर छापेमारी जयपुर और कोटपुतली में की गई थी. जयपुर में निर्माता और सप्लायर के घर, फैक्ट्री, कार्यालय, गोदाम और कोटपुतली में सहयोगियों के ठिकानों पर जांच की गई थी. इसके साथ ही सहयोगियों के दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में ठिकाने पर कार्रवाई की गई थी.
राजनीतिक फंडिंग का भी शक
सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग को इस तरह की जानकारी मिली थी कि ठेके लेकर बड़ा घालमेल किया जा रहा था. ठेकों को लेकर यह चर्चा भी थी कि इसमें तत्कालीन राज्य सरकारों का हाथ रहा है जिसके एवज में राजनीतिक फंडिंग की जाती है. आयकर विभाग की टीमों ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और लखनऊ के साथ दिल्ली, गुजरात, हरियाणा के गुरुग्राम और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी रेड की थी.
शरत कुमार