Rajasthan : घोड़ी में ग्लैंडर्स रोग की पुष्टि, बीमारी फैलने से रोकने के लिए सख्त आदेश जारी

विकास सांखला की घोड़ी को ग्लैंडर्स रोग होने की पुष्टि हुई है. रोग अन्य घोड़ा-घोड़ी में नहीं फैले इसके लिए बीकानेर कलेक्टर ने आदेश जारी किया है. आदेश में अश्वों के सीमा पार से आने और ले जाने पर रोक लगा दी गई है. किसी भी तरह से इनके व्यापार पर रोक के आदेश जारी किए गए हैं. 

Advertisement
प्रतीकात्मक तस्वीर. प्रतीकात्मक तस्वीर.

aajtak.in

  • बीकानेर,
  • 11 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 12:26 PM IST

राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर (Binakaner) में ग्लैंडर्स रोग पीड़ित घोड़ी मिलने से हंगामा मचा हुआ है. अश्व वंशीय जानवर यानि घोड़े, गधे और खच्चरों में होने वाली इस रोग को फैलने से रोकने के लिए बीकानेर कलेक्टर ने आदेश जारी किए हैं. आदेश में कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से घोड़े, गधे और खच्चरों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई जाए. किसी भी तरह से सीमा पार से कोई भी घोड़े, गधे और खच्चरों और जिले में प्रवेश नहीं होना चाहिए साथ ही यहां से भी जानवरों को सीमा पार नहीं भेजा जाए. 

Advertisement

जिले के सभी पुलिस थानों को जारी किया गया आदेश

बीकानेर के सुजानदसर के रहने वाले विकास सांखला की घोड़ी को ग्लैंडर्स रोग होने की पुष्टि हुई है. रोग अन्य घोड़े, गधे और खच्चरों में नहीं फैले इसके लिए बीकानेर कलेक्टर ने आदेश जारी किया है. आदेश में सभी के सीमा पार से आने और ले जाने पर रोक लगा दी गई है. किसी भी तरह से इनके व्यापार पर रोक लगाते हुए समस्त पुलिस थानों के आदेश जारी किए गए हैं. आदेश में पुलिस थानों को कहा गया है कि पशुओं के मेले, प्रदर्शनी, दौड़ पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए.

क्या होता है ग्लैंडर्स रोग ?

ग्लैंडर्स पशुओं और इंसानों एक संक्रामक रोग है. इस बीमारी के बैक्टेरिया सेल में प्रवेश कर जाते हैं. इलाज से भी यह पूरी तरह नहीं मरते हैं. ऐसे में दूसरे जानवर और इंसान भी इससे संक्रमित हो जाते हैं.

Advertisement

यह बीमारी ऑक्सीजन के जरिये फैलती है. शरीर की गांठों में संक्रमण होने के कारण घोड़ा उठ नहीं पाता है और बाद में उसकी मृत्यु हो जाती है. गांठों-ग्रंथियों को प्रभावित करने के कारण इसे ग्लेंडर बरखेलडेरिया मैलाई कहा जाता है.

( रिपोर्ट - अपर्नेश )

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement