मशहूर लेखक मुंशी प्रेमचंद ने कहा था कि अन्याय होने पर चुप रहना, अन्याय करने के ही समान है. लेकिन दुख की बात ये है कि आज हमारी पूरी व्यवस्था हर उस व्यक्ति के मुंह को टेप से बंद कर देना चाहती है, जो अन्याय के लिए चुप न रहकर उसके खिलाफ आवाज उठाना चाहता है. देखें 'ब्लैक एंड व्हाइट'.