आज हमारी उलझनों की बड़ी वजह यह भी है कि चाहते न चाहते हुए भी हमारी अपने बुजुर्गों से एक दूरी बन गई है. हमारी जिंदगी ऐसी है कि हमें लगता है कि उनके साथ हम ताल मेल नहीं बना पाते हैं. लेकिन सच यह है कि अगर आपको दिन का कुछ वक्त बुजुर्गों के साथ बिताने को मिल जाए तो सौ किताबों वाला ज्ञान वो आपको चंद पलों में दे देते हैं. कोशिश करनी चाहिए बुजुर्गों को सम्मान देने की.