पांच साल की उम्र में मां-बाप की लाशों की रखवाली...रुला देगी जंगल में मिले इस मासूम की कहानी

ओडिशा से एक दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है. पांच साल के जिस मासूम को इस उम्र में गोद की जरूरत थी वही बच्चा इस ठंड के मौसम में पूरी रात घने जंगल में अपने मां-बाप के लाशों की रखवाली करता रहा. मामला देवगढ़ जिले का है जहां पांच साल का मासूम पूरी रात ठंड में मृत माता-पिता की रखवाली करता रहा.

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aajtak.in

  • देवगढ़ ,
  • 29 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:57 PM IST

ओडिशा के देवगढ़ जिले से इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पांच साल का मासूम पूरी रात कड़ाके की ठंड में जंगल में अकेला बैठा अपने मृत पिता और बेहोश मां की रखवाली करता रहा. रविवार सुबह जब बच्चा जंगल के पास सड़क पर राहगीरों से मदद मांगता मिला, तब इस दर्दनाक घटना का खुलासा हुआ.

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न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि जियानंतपाली गांव निवासी दुष्मंत मांझी और उनकी पत्नी रिंकी मांझी घरेलू विवाद के बाद मोटरसाइकिल से घर लौट रहे थे. दंपती ने सड़क किनारे बाइक खड़ी की और करीब एक किलोमीटर अंदर जंगल में चले गए, वहां उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया. उनके साथ उनका पांच साल का बेटा भी मौजूद था.

जहर खाकर मां-बाप ने दी जान, बेटा करता रहा शव की रखवाली

देवगढ़ के एडिशनल एसपी धीरज चोपदार ने बताया कि कीटनाशक सेवन के करीब एक घंटे के भीतर दुष्मंत मांझी की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी रिंकी मांझी बेहोश हो गईं. मासूम बच्चा पूरी रात अपने माता-पिता के पास बैठा रहा और उन्हें हिलाने-डुलाने की कोशिश करता रहा. सुबह सूरज निकलने के बाद वह जंगल से निकलकर सड़क तक पहुंचा और लोगों से मदद मांगी.

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राहगीरों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे. बेहोश महिला को इलाज के लिए पड़ोसी जिले अंगुल के छेंदिपाड़ा अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि बच्चे को भी उसके माता-पिता ने कीटनाशक पिलाया था, लेकिन समय पर इलाज मिलने से उसकी जान बच गई.

अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक उपचार के बाद बच्चे को उसके दादा-दादी को सौंप दिया गया है और फिलहाल उसकी तबीयत स्थिर है. घटना के बाद पूरे इलाके में शोक का माहौल है. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि दंपती ने इतना बड़ा कदम किन परिस्थितियों में उठाया 
 

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