2028 में भोपाल में आयोजित होने वाला विश्व गुलाब सम्मेलन भारत के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण होगा. यह आयोजन वैश्विक स्तर पर देश की बढ़ती साख का प्रतीक है और भारत को विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक कदम है. यह कहना है मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल का.
राज्यपाल मंगूभाई पटेल राजधानी भोपाल में 21वें वर्ल्ड रोज कन्वेंशन-2028 संबंधी बैठक को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने मध्यप्रदेश रोज सोसायटी के मुख्य संरक्षक के रूप में वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ रोज सोसायटी की ओर से भारत को मेजबानी के लिए मई 2025 में सौंपे गए ध्वज को ग्रहण किया. कन्वेंशन का आयोजन भोपाल में वर्ष 2028 में 7 से 13 जनवरी तक होगा.
पटेल ने कहा कि विश्व गुलाब समाज महासंघ (WFRS) का ध्वज प्राप्त करना देश और मध्य प्रदेश के लिए अत्यंत गौरव का क्षण है. उन्होंने कहा कि यह ध्वज उत्तरदायित्व का प्रतीक है और वैश्विक संवाद एवं आतिथ्य का अभूतपूर्व अवसर प्रदान करता है. उन्होंने पहली बार भारत को इस आयोजन का दायित्व सौंपने के लिए विश्व गुलाब सम्मेलन का आभार व्यक्त किया.
उन्होंने डब्ल्यूएफआरएस के प्रथम भारतीय अध्यक्ष बनने पर सुशील प्रकाश को बधाई दी. पटेल ने कहा कि विश्व गुलाब सम्मेलन की मेजबानी से राज्य को विश्व स्तर पर एक विशिष्ट पहचान मिलेगी.
इस आयोजन के लिए रोज़ सोसाइटी द्वारा भोपाल को रोज़ सिटी के रूप में विकसित करने की जानकारी दिए जाने के बाद राज्यपाल ने राजभवन में गुलाब की विभिन्न प्रजातियों के वर्तमान उत्पादन को दोगुना करने की पहल करने का अनुरोध किया है.
उन्होंने कहा, "गुलाब धार्मिकता और उत्सव का प्रतीक है. यह आत्मीयता और दयालुता का प्रतीक है. हम सभी को इस आयोजन से जुड़े हर कार्य और जिम्मेदारी को भव्यता और दिव्यता के साथ पूरा करने का संकल्प लेना चाहिए ताकि यह आयोजन दुनिया भर के प्रतिनिधियों के मन में एक प्रेरणादायक और यादगार अनुभव के रूप में अपनी छाप छोड़ सके."
संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धार्मिक कार्य विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि गुलाब सम्मेलन के आयोजन से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग मेहमानों को मध्य प्रदेश दिखाने के लिए एक योजना तैयार करेगा.
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