मध्य प्रदेश के रतलाम में दादी के साथ नहाने गईं तीन बहनों की तालाब में डूबने से मौत हो गई थी. तीन बच्चियों के शवों को देखकर वहां मातम छा गया. शवों को घटनास्थल से अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं पहुंची. पुलिस वाहन में तीनों बहनों के शव को सरकारी जिला अस्पताल लाया गया जहां उन शवों को स्ट्रेचर भी नसीब नहीं हुआ. पत्रकारों ने शव को उतारा और पुलिसकर्मी की मदद से उसे अस्पताल के अंदर ले गए.
तीन बहनों के तालाब में डूबने की यह घटना जिला मुख्यालय से मात्र 4 किलोमीटर दूर सागोद के पास की है. यहां बने एक तालाब पर नहाने के लिए तीन बहनें कुमकुम, पीहू, और अर्चना अपनी दादी के साथ गई थीं.
नहाते समय पैर फिसलने से पहले एक बच्ची पानी में डूबने लगी तो बाकी दो बहनें उसे बचाने गईं और वो भी पानी में डूब गईं. डूबते हुए बच्चियों ने शोर मचाया तो आसपास के लोग वहां पहुंचे और बच्चियों को बाहर निकाला. उस दौरान तीनों बच्चियां अचेत अवस्था में थीं.
सूचना मिलने पर दीनदयाल नगर थाना प्रभारी दिलीप राजोरिया मौके पर पहुंचे और तत्काल एंबुलेंस को सूचित किया. इस दौरान मौके पर ही दो बच्चियों ने दम तोड़ दिया जबकि एक बच्ची की सांस चल रही थी.
जब काफी देर तक एंबुलेंस नहीं पहुंची तो थाना प्रभारी दिलीप राजोरिया ने अपने वाहन से बच्ची को जिला अस्पताल पहुंचाया. इस दौरान तीसरी बहन की भी मौत हो गई. बच्चियों के शव को ना तो एंबुलेंस मिली और ना ही अस्पताल में उनके लिए स्ट्रेचर की कोई व्यवस्था थी.
घटना की सूचना मिलने पर महापौर प्रह्लाद पटेल अस्पताल पहुंचे और उन्होंने अस्पताल में अव्यवस्थाओं को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मोबाइल पर बात की और उसे जल्द दूर करने का आदेश दिया. (इनपुट- विजय मीना)
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