मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के ब्योहारी वन परिक्षेत्र में सोमवार सुबह दो जंगली हाथियों ने कहर बरपाया. अलग-अलग गांवों में तेंदूपत्ता बीनने गए तीन ग्रामीणों को रौंदकर उनकी जान ले ली. ये घटनाएं सुबह 6 से 8 बजे के बीच हुईं, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई.
ब्योहारी वन संभाग के एसडीओ रेशम सिंह धुर्वे के मुताबिक, पहली घटना सानौसी गांव में हुई, जहां 40 वर्षीय उमेश कोल पर हाथियों ने हमला कर दिया. उमेश की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी किसी तरह एक पेड़ पर चढ़कर जान बचाने में सफल रही.
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दूसरी घटना ढोंडा गांव में घटी, जहां 65 वर्षीय देवगनिया बैगा को हाथियों ने कुचलकर मार डाला. तीसरी घटना कोलूहा-घटवा बरछ गांव में हुई, जहां 8 वर्षीय बालक मोहन लाल पटेल की भी जान चली गई. बताया जा रहा है कि ये हाथी बांधवगढ़ नेशनल पार्क से भटककर बाणस नदी होते हुए संजय गांधी टाइगर रिजर्व की ओर बढ़ रहे थे, इसी दौरान ये हमले हुए.
₹ 25 लाख की वित्तीय सहायता की घोषणा
वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घटना पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि मृतकों के परिजनों को ₹25 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी. वन विभाग ने तत्काल राहत के रूप में ₹50 हजार की सहायता भी दी है. मुख्यमंत्री ने वन अधिकारियों को तेंदूपत्ता संग्रह के दौरान सुरक्षा उपायों की समीक्षा और हाथियों की मूवमेंट पर निगरानी के निर्देश भी दिए हैं.
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने हाल ही में 47.11 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य हाथियों की बढ़ती गतिविधियों पर नियंत्रण और मानव-हाथी संघर्ष की घटनाओं को रोकना है.
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