मध्य प्रदेश के खरगोन में सरकारी तंत्र की ढीलपोल और लापरवाही का कारनामा उजागर हुआ है. बगैर अनुमति के हो रही ब्लास्टिंग से देजला-देवड़ा बांध के क्षतिग्रस्त होने का खतरा मंडरा रहा है. 600 से अधिक गांवों में तबाही की आशंका है. चार ग्राम पंचायतों के सरपंच और ग्रामीणों की लिखित शिकायत के बावजूद निर्माण एजेंसी की हठधर्मिता हावी है.
जलमिशन के तहत 309 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले जलशोधन यंत्र लगाने के लिए ब्लास्टिंग की कोई सरकारी परमिशन ही नहीं ली गई. जलसंसाधन विभाग ने बांध स्थल पर ब्लास्टिंग ना करने की हिदायत दी है. निर्माण एजेंसी ने लाखों लोगों की जान खतरे में डाल दी है. एक साल पहले धार जिले का कारम डैम फूटने के बाद भी सबक नहीं लिया है.
दरअसल, कोई भी व्यक्ति को छोटा-सा कमरा बनाने के लिए भी ग्राम पंचायत या नगर परिषद से निर्माण अनुमति लेना होती है लेकिन खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर भगवानपुरा थाना क्षेत्र से महज 6 किलोमीटर दूर देजला देवाड़ा बांध के ऊपरी छोर पर बगैर किसी परमिशन के ब्लास्टिंग की जा रही है.
मध्य प्रदेश सरकार उपक्रम जल निगम द्वारा 309 करोड़ की लागत से जल मिशन के तहत जल शोधन यंत्र तैयार करने के लिए निर्माण एजेंसी को काम सौंपा गया है. दुर्भाग्य से जिस निर्माण एजेंसी को फिल्टर प्लांट तैयार करने के लिए जिम्मेदारी सौंप गई उसने ना तो वन विभाग से ब्लास्टिंग की परमिशन ली और ना ही राजस्व विभाग से ली.
निर्माण एजेंसी ने तो मनमानी की हद कर दी और जिस विभाग का विशालकाय देजला-देवड़ा जलाशय है, उससे भी ब्लास्टिंग की परमिशन नहीं ली. ग्रामीणों जनप्रतिनिधियों के विरोध बावजूद निर्माण एजेंसी द्वारा लगातार ब्लास्टिंग की जा रही है. इससे कई गांवों में खतरा मंडरा रहा है. बांध के बैकवॉटर में बांध के मैन स्ट्रीम से महज 500 से 1000 मीटर दूर ब्लास्टिंग की जा रही है.
सरपंचों ने ब्लास्टिंग के विरोध में दिया था आवेदन
भगवानपुरा विकासखंड की 4 ग्राम पंचायत के सरपंच, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने 17 जुलाई को भगवानपुरा थाना इंचार्ज को आवेदन शॉप कर बांध स्थल पर ब्लास्टिंग के चलते बांध क्षतिग्रस्त होने और इसे रोकने का आवेदन दिया था. थाना इंचार्ज को लोवंशी का कहना है कि आवेदन मिलने के बाद निर्माण एजेंसी को ब्लास्टिंग न करने की हिदायत दी गई है.
ब्लास्टिंग से आसपास के गांव में दहशत
देजला देवाड़ा बांध स्थल पर बगैर अनुमति के ब्लास्टिंग होने से आसपास के गांव में दहशत है. बांध के पास के रोज़ाड़ी गांव में रात में ब्लास्टिंग होने से लोग दहशत में है. दिन में बकरियां बैल भैंस चराने ले जाने वाले युवाओं को पत्थर लगने का डर बना रहता है. कई लोग रात में ब्लास्टिंग के कारण सो नहीं पा रहे हैं.
बांध की पाल मिट्टी की ब्लास्टिंग से दरार की आशंका
उल्लेखनीय है कि 2023 में धार जिले के कारम डैम के फूटने के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद हेलीकॉप्टर से सर्वे कर पूरे शासन प्रशासन को इसमें झोंक दिया था. खरगोन जिले के कलेक्टर और एसपी भी कारण डैम के प्रभाव को देखने पहुंचे थे. देजला देवाड़ा बांध करीब 25 साल पुराना है और इसकी पाल मिट्टी और पत्थरों से बनी हुई है.जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि विभाग की टीम के एक्सपर्ट बांध स्थल से दूरी और विस्फोट की क्षमता का निरीक्षण करने के बाद ही ब्लास्टिंग की जा सकती है. हमने अभी किसी तरह की ब्लास्टिंग न करने के लिए लिखा है.
निर्माण एजेंसी ने बैरिकेटिंग लगाकर मीडिया को रोका
ब्लास्टिंग की सूचना मिलने पर मीडिया के लोगों के ब्लास्टिंग स्थल पर पहुंचने के चलते निर्माण एजेंसी के ठेकेदार ने उक्त स्थल के 5 किलोमीटर पहले बैरिकेटिंग कर दी है और लोगों को जाने से रोकने के लिए लोग बैठा दिए हैं. इस मामले को लेकर दो दिन पहले भगवानपुरा के कुछ लोगों से कहासुनी भी हुई थी. बाद में थाने पर माफी मांगने पर मामला शांत हुआ.
उमेश रेवलिया