MP गजब है... कांग्रेस में विधायक का नाम और काम कर रहे BJP का, डेढ़ साल से नहीं गई सदस्यता

MP Chunav 2023: चौंकाने वाली बात यह है कि बिरला के भाजपा जॉइन करने बाद मामला सुर्खियों में रहा. इसके बावजूद कांग्रेस ने न तो बिरला की कांग्रेस सदस्यता हटाई और न ही उनकी विधायकी को कोई खतरा हुआ. मजे की बात यह है कि सचिन बिरला लगातार डेढ़ साल तक कांग्रेस विधायक बने रहे और काम भाजपा का करते रहे. 

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8 अक्टूबर को भोपाल में दोबारा CM शिवराज ने सचिन बिरला को BJP जॉइन कराई. 8 अक्टूबर को भोपाल में दोबारा CM शिवराज ने सचिन बिरला को BJP जॉइन कराई.

उमेश रेवलिया

  • खरगोन,
  • 08 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:10 PM IST

मध्य प्रदेश की एक विधानसभा सीट के प्रत्याशी डेढ़ साल पहले बीजेपी में शामिल होने के बाद भी कांग्रेस विधायक बने रहे. दलबदल कानून के तहत उनकी सदस्यता भी नहीं गई.  कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सहित पूरी कांग्रेस भी बागी विधायक को विधानसभा से बाहर नहीं कर सकी.  

खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 80 किमी दूर बड़वाह विधानसभा का यह मामला है. सचिन बिरला साढ़े तीन साल कांग्रेस के विधायक की हैसियत से विधानसभा में रहे. डेढ़ साल पहले सचिन बिरला का मन पलटा और बेड़िया में हुई भाजपा की सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में वह पंजे को छोड़ कमल के हो गए. बिरला के अचानक भाजपा जॉइन करने से निमाड़ की राजनीति में खलबली मच गई. 

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24 अक्टूबर 2021 को बेड़िया में BJP शामिल होते सचिन बिरला.

अब चौंकाने वाली बात यह है कि बिरला के भाजपा जॉइन करने बाद मामला सुर्खियों में रहा. इसके बावजूद कांग्रेस ने न तो बिरला की कांग्रेस सदस्यता हटाई और न ही उनकी विधायकी को कोई खतरा हुआ. मजे की बात यह है कि सचिन बिरला लगातार डेढ़ साल तक कांग्रेस विधायक बने रहे और काम भाजपा का करते रहे. 

सचिन बिरला का बयान
भाजपा प्रत्याशी और बड़वाह विधायक सचिन बिरला का कहना है, ''मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में बेड़िया में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. लगातार काम कर रहा हूं. जहां तक विधायकी जाने का सवाल है, ये कांग्रेस पार्टी का निर्णय है और मुझे ये पता नहीं है. तकनीकी कारणों से विधानसभा से इस्तीफा देना होता है. इस्तीफा देने गए थे, वहां पर स्वागत सम्मान किया. 

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वोट मांगते नजर आए सचिन बिरला.

दलबदल कानून के तहत हो सकती थी कार्यवाही 
विधायक सचिन बिरला ने 2018 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी हितेंद्र सिंह सोलंकी को 30 हजार से अधिक मतों से हराया था. हालांकि, अक्टूबर 2021 में ही बिरला ने बेड़िया में भाजपा की मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की आमसभा के दौरान कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का ऐलान कर दिया था. इसके बाद कांग्रेस की ओर से दलबदल कानून के तहत बिरला की सदन से सदस्यता समाप्त किए जाने की मांग उठाई गई थी. मध्यप्रदेश विधानसभा सदस्य नियम 1986 के तहत नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने सदस्यता खत्म करने की मांग की थी. लेकिन उनकी सदस्यता बरकरार रही.

दोबारा भोपाल में सदस्यता ली तो रहे सुर्खियों में...
बड़वाह सीट से कांग्रेस विधायक सचिन बिरला 8 अक्टूबर 23 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन मंत्री हितानंद शर्मा ने बिरला को भाजपा की सदस्यता दिलवाई. हालांकि, सचिन ने 24 अक्टूबर 2021 में हुए खंडवा लोकसभा उपचुनाव के दौरान ही मंच से कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने का ऐलान कर दिया था. 

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