MP: मंदिर की तरह सरकारी दफ्तर में 'मनोकामना पर्चियां' बांध रहे किसान, यूरिया संकट ने पैदा किए अजीबोगरीब हालात

Fertilizer Crisis in MP: कड़ाके की ठंड में चार दिनों से खाद के लिए भटक रहे किसानों का सब्र अब जवाब दे गया है. थक-हारकर किसानों ने अब सहकारी विपणन समिति के दफ्तर की खिड़कियों पर धागे से अपने दस्तावेजों की पर्चियां बांधना शुरू कर दिया है.

Advertisement
पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की.(Photo:Screengrab) पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की.(Photo:Screengrab)

पंकज शर्मा

  • राजगढ़,
  • 17 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:00 PM IST

यूरिया खाद की किल्लत ने किसानों को ठंड में चक्कर लगाकर पसीने छुड़ा दिए. किसान इस समय यूरिया को लेकर परेशान हैं और शुक्रवार को इसी संकट के चलते राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में सहकारी विपणन समिति के कार्यालय में थके-हारे किसानों ने अपने आधार कार्ड एवं जमीन की पट्टी की फोटोकॉपियों की प्रतियां धागे से इस उम्मीद से बांधना शुरू कर दिया कि कभी तो हमारी सुनवाई होगी और रबी की फसलों के लिए यूरिया खाद उपलब्ध होगा.

Advertisement

अब देखना यह है कि इस अनोखे तरीके से किसानों के प्रयास को कितनी सफलता मिलती है. लेकिन मंदिर में मनोकामना की भांति दफ्तर में इस प्रकार पर्चियां बांधना यह बता रहा है कि जिले में इस समय यूरिया खाद का संकट है और किसान परेशान हैं.

किसानों का कहना है कि जब-जब अव्यवस्था का आलम होगा एवं सिस्टम काम नहीं करेगा तो विरोध तो होगा ही. राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में शुक्रवार की सुबह 8 बजे से ही किसानों की भीड़ सहकारी विपणन समिति के कार्यालय के सामने लगने लगी.

नंबर लगाने की आस में कई किसानों एवं महिलाओं ने अपने दस्तावेज जमीन पर रखना शुरू कर दिए और उनकी कतार लगने लगी. हवा से कागज न उड़ जाएं, इसके लिए पत्थर से दबाकर उन कागजों को जमाकर रखा जाने लगा.

Advertisement

पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की

करीब 11 बजे खिड़की खुली तो अफरा-तफरी का माहौल हो गया, जिसे संभालने के लिए दो पुलिसकर्मी तैनात किए गए लेकिन वे भी व्यवस्था को दुरुस्त नहीं कर पाए.

क्या कहते हैं किसान और अधिकारी?

किसान दिलीपसिंह ने बताया कि दो-तीन दिन से लाइन में लग रहा हूं, यहां रोज ऐसे ही चल रहा है. किसान परेशान हैं, समिति वालों के अपने खुद के नियम हैं, कभी चार कट्टे यूरिया दे देते हैं, कभी एक कट्टा देते हैं, अभी तो वह भी नहीं मिल पा रहा है.

किसान शिवसिंह चौहान ने बताया कि जो लंबी लाइन लग रही है, वह कृषि विभाग की देन है, जो किसानों की मदद नहीं कर रहे हैं, किसान परेशान हो रहे हैं.

कृषि विस्तार अधिकारी ने गलती कर रखी है. वहीं मार्केटिंग प्रबंधक गंगाधर दांगी ने बताया कि किसान सुबह जल्दी आ जाते हैं एवं लाइन लगा लेते हैं, उन्हें प्रतिदिन खाद मिल रही है. किसानों को पीने के पानी के इंतजाम किए गए हैं. शुक्रवार को करीब डेढ़ सौ टन खाद आया था जो सप्लाई किया जा रहा है. यूरिया खाद पर्याप्त है.

खाद केंद्र प्रभारी ने बताया कि नियमानुसार किसानों को खाद वितरण किया जा रहा है, जो किसान नंबर में बाकी बच जाते हैं उन्हें दूसरे दिन नंबर से पहले खाद प्रदाय किया जा रहा है.

Advertisement

एक किसान को दो कट्टे यूरिया प्रदाय किया जा रहा है. शुक्रवार को करीब एक हजार पांच सौ तीस कट्टे खाद के उपलब्ध थे जिनका वितरण किया जा रहा था. किसानों के अलावा अन्य व्यक्ति लाइन में न लगें, इस कारण हम जमीन की पट्टी की फोटोकॉपी मांग रहे हैं ताकि कालाबाजारी न हो.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement