मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग का एक बयान सामने आया है. अपने बयान में विश्वास सारंग यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि कमलनाथ सरकार के दौरान जिन किसानों की कर्ज माफी हुई थी, वह फर्जी किसान थे. अब इस पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया है. कमलनाथ ने विश्वास सारंग पर पलटवार किया है और किसानों से माफी मांगने तक की बात कह दी है.
दरअसल, साल 2018 में मध्य प्रदेश में जब विधानसभा चुनाव हुए थे तब कांग्रेस की सरकार बनी थी और कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि, सरकार केवल 15 महीने ही चल पाई, क्योंकि उस वक्त ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने का फैसला किया और सिंधिया के साथ उनके जितने भी विधायक थे वह भी बीजेपी में चले गए. हालांकि, कमलनाथ सरकार जो कि 15 महीने की थी, उस दौरान कमलनाथ के द्वारा किसानों की कर्ज माफी सबसे ज्यादा चर्चा में रही थी.
बता दें कमलनाथ सरकार का उस वक्त सत्ता में आना कांग्रेस का सत्ता में आना, किसानों की कर्ज माफी के वादे की वजह से ही हो पाया. ऐसा भी सियासी पंडित मानते हैं. अब एक बार फिर कमलनाथ सरकार के दौरान हुई कर्ज माफी को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है.
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने हाल ही में एक बयान दिया. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों का जवाब देते हुए विश्वास सारंग ने कहा, ''मध्य प्रदेश में सहकारी बैंकों की खस्ता हालत के पीछे वजह है 15 महीने की कमलनाथ सरकार. क्योंकि कमलनाथ सरकार ने उस वक्त फर्जी किसानों की कर्ज माफी की, जिसका बोझ मध्य प्रदेश की सहकारी बैंकों के ऊपर आ गया. लेकिन अब मोहन सरकार इसको लेकर काम कर रही है और अगले 2 सालों में सहकारी बैंक्स की हालत में सुधार आ जाएगा.''
अब उनके इस पूरे बयान पर कमलनाथ ने पलटवार किया है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कमलनाथ ने जिलेवार तरीके से किसानों की सूची जारी की है जिसमें उन्होंने यह बताया है कि हर जिले में कितने किसानों की कब-कब कर्ज माफी की गई है. साथ ही उन्होंने विश्वास सारंग से तमाम किसानों से माफी मांगने के लिए कहा है.
कमलनाथ ने लिखा, ''किसानों के साथ दिन-रात धोखा करने वाली बीजेपी सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने मेरी सरकार के दौरान हुई किसान कर्ज माफी को लेकर सरासर झूठ बोला है. इस झूठ के लिए उन्हें मध्य प्रदेश की जनता और किसान भाइयों से माफी मांगनी चाहिए. सच्चाई यह है कि कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही मैंने सबसे पहला काम किसानों की कर्ज माफी का किया था. कांग्रेस सरकार ने दो चरणों में 26 लाख 95 हजार 381 (लगभग 27 लाख) किसानों का 11646.96 करोड़ का कर्ज माफ किया. किस जिले में कितने किसानों का कर्जा माफ किया गया इसकी सूची संलग्न है.
कांग्रेस नेता ने आगे लिखा, ''अगर भारतीय जनता पार्टी छल पूर्वक कांग्रेस की सरकार गिराकर अपनी सरकार नहीं बनाती तो प्रदेश के बाकी किसानों का कर्ज भी माफ कर दिया जाता. बेहतर होगा झूठ और फरेब से प्रदेश की जनता को भ्रमित करने के बजाय भाजपा किसानों से किए गए वादे निभाए जो उसने चुनाव के समय किए थे. गेहूं और धान पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का जो वादा बीजेपी ने किया था उसे आज तक पूरा नहीं किया गया है. प्रदेश के किसानों की आमदनी घटती जा रही है. रबी हो या खरीफ दोनों सीजन में प्रदेश का किसान खाद के लिए बुरी तरीके से परेशान है. बेहतर होगा कि झूठे दावे करने के बजाय बीजेपी सरकार किसानों के कल्याण पर ध्यान दे और अगर वाकई कर्ज माफी के प्रति उनकी कोई संवेदनशीलता है तो प्रदेश के सभी किसानों का कर्ज तत्काल माफ करे.''
बता दें कि कमलनाथ सरकार जब 2018 में मध्य प्रदेश में आई थी, कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे, उस वक्त किसान कर्ज माफी सबसे ज्यादा चर्चा में रही थी. हालांकि समय-समय पर बीजेपी के नेता किसान कर्ज माफी को फर्जी बताते रहते हैं. और अब एक बार फिर से जिस तरीके से विश्वास सारंग ने पूरा बयान दिया है, किसान कर्ज माफी का मुद्दा एक बार फिर मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में उछलता हुआ दिखाई दे रहा है और एक बार फिर से बार पलटवार का दौर शुरू हो गया है.
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