मध्य प्रदेश की भिंड सीट से BJP विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा के खिलाफ ग्वालियर के एमपी एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. अदालत में गैरमौजूदगी के चलते यह वारंट जारी किया गया है.
सरकार के एडवोकेट धर्मेद्र शर्मा ने जानकारी दी कि साल 2015 में जिला पंचायत चुनाव के समय वार्ड नंबर-6 जवासा से नरेंद्र सिंह कुशवाहा की पत्नी मिथलेश कुशवाहा नामांकन दाखिल कर रही थीं. इसी वार्ड से बाबूराम जामौर भी नामांकन दाखिल कर रहे थे. बाबूराम जामौर को नामांकन दाखिल करने से रोकने के लिए नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने अपने तीन अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर अगवा कर लिया और मारपीट की. साथ ही जामौर को जान से मारने की धमकी दी.
इस मामले में देहात थाने में नरेंद्र सिंह कुशवाहा और केशव देसाई समेत चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. यह मामला ग्वालियर में जिला एवं सत्र न्यायालय में एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा है.
बुधवार को नरेंद्र सिंह कुशवाहा को कोर्ट में पेश होना था लेकिन वह अनुपस्थित रहे, जबकि केशव देसाई (गोहद से मौजूदा कांग्रेस विधानसभा) कोर्ट में पेश हुए थे. इसी मामले में कोर्ट ने नरेंद्र सिंह कुशवाहा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है. अगली सुनवाई 8 जनवरी को है. अदालत ने ग्वालियर और भिंड के पुलिस अधीक्षकों को भी निर्देशित किया है कि आरोपी नरेंद्र सिंह कुशवाहा को कोर्ट में पेश करें.
बता दें कि नरेंद्र सिंह कुशवाहा तीन बार के विधायक हैं. पहली बार साल 2003 में हुए भिंड विधानसभा से विधायक चुनकर आए थे. इसके बाद साल 2008 में बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया था. वे समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन वे जीत नहीं सके.
साल 2013 के चुनाव में नरेंद्र सिंह कुशवाह को भाजपा ने टिकट देकर चुनाव मैदान में उतरा तो वे दूसरी बार भिंड विधानसभा से विधायक चुने गए. इसके बाद साल 2018 के चुनाव में बीजेपी ने टिकट काट दिया, लेकिन वे पार्टी से बगावत करके एक बार फिर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े. लेकिन जीत दर्ज नहीं कर सके.
साल 2023 के चुनाव में बीजेपी ने उन्हें एक बार फिर से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा और इस बार वे तीसरी बार विधायक चुने गए हैं.
हेमंत शर्मा