मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को मोहन यादव के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के खिलाफ विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि सरकार ने राज्य को कर्ज के बोझ तले दबा दिया है. विपक्ष के नेता उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक कटोरे और तख्तियां लेकर विधान भवन परिसर पहुंचे और राज्य सरकार पर निशाना साधा.
नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने आरोप लगाया कि सरकार कर्ज लेकर राज्य के वित्तीय मामलों को चला रही है. विपक्षी विधायकों ने राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विरोध दर्ज कराया. सिंघार ने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने कटोरे हाथ में लेकर लगातार कर्ज लेने को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "जब नेतृत्व कमजोर होता है तो कर्ज बोझ बन जाता है और लोग परेशान होते हैं."
कांग्रेस नेता ने कहा कि मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार ने जो किया है, वह न केवल वित्तीय अपराध है, बल्कि राज्य के भविष्य के साथ भी भयानक विश्वासघात है.
सिंघार ने आरोप लगाया, "सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राजनीतिक लाभ के लिए राज्य की जनता पर कर्ज का बोझ डाल दिया और अभी भी कटोरा लेकर भीख मांग रहे हैं."
सिंघार ने दावा किया कि राज्य के कर्ज के कारण राज्य के प्रत्येक नागरिक पर 52,000 रुपये का कर्ज है. उन्होंने कहा, "सरकार कर्ज ले रही है, लेकिन राज्य में विकास नहीं हो रहा है. सरकार में कई पद खाली पड़े हैं. राज्य सरकार आदिवासियों के विकास के लिए पैसा देने में विफल रही है. यह किसानों को खाद उपलब्ध कराने और लाडली बहना योजना के लाभार्थियों को वादे के अनुसार 3,000 रुपये प्रति माह देने में भी विफल रही है."
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीजेपी सरकार धान और गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने में भी विफल रही है, जैसा कि पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कर्ज लेना चाहती है, लेकिन वह नहीं चाहती कि राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत हो.
बता दें कि 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में, 164 विधायक सत्तारूढ़ बीजेपी के हैं, 65 विपक्षी कांग्रेस के हैं, जबकि एक भारत आदिवासी पार्टी (BAP) का है.
aajtak.in