आपने अक्सर ट्रैफिक सिग्नल पर उन भिखारियों को देखा होगा, जो दिव्यांग हैं और अपना पेट भरने के लिए लोगों से भीख मांगते हैं. इस तरह के भिखारी ग्वालियर के चौराहों पर भी देखने को मिल जाते हैं. मगर, ग्वालियर के एक पुलिस अधिकारी ने जब ऐसे ही एक दिव्यांग भिखारी को देखा, तो उन्हें कुछ शक हुआ.
जब उन्होंने भिखारी को पकड़ा, तो इस खुलासा हो गया कि दिव्यांग बनकर भीख मांगने वाला युवक पूरी तरह तंदुरुस्त है. वह दिव्यांग बनने का नाटक कर रहा है. दरअसल, यह पूरा घटनाक्रम बुधवार शाम को हुआ. जब ग्वालियर के एडिशनल एसपी अमृत मीणा गोले का मंदिर चौराहे से गुजर रहे थे.
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तभी उनकी नजर एक दिव्यांग भिखारी पर पड़ी. उस भिखारी के साथ एक महिला भी मौजूद थी. हाथ से दिव्यांग भिखारी ट्रैफिक सिग्नल पर लोगों से भीख मांग रहा था. एडिशनल एसपी को उस भिखारी की दिव्यांगता पर थोड़ा संदेह हुआ.
साथ मौजूद महिला ने पुलिसकर्मियों को रोका
इसके बाद उन्होंने गाड़ी रुकवाई और नीचे उतरकर भिखारी के पास पहुंचे. एडिशनल एसपी अमृत मीणा ने भिखारी से अपना दिव्यांग हाथ खोलकर दिखाने के लिए कहा. यह सुनकर उसके साथ मौजूद महिला ने पुलिसकर्मियों को ऐसा करने से रोकने की कोशिश की. फिर मिन्नतें करने लगी.
मगर, एडिशनल एसपी ने महिला की एक नहीं सुनी. जब दिव्यांग भिखारी के हाथ को खोला गया, तो पुलिस वाले हैरान रह गए. दरअसल, जिस हाथ को दिव्यांग दिखाया जा रहा था, असल में वह पूरी तरह सही सलामत था. लोगों की हमदर्दी बटोरने के लिए वह व्यक्ति एक हाथ से दिव्यांग बनने का नाटक करते हुए ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगता था.
पोल खुलते ही पुलिस से माफी मांगने लगे दोनों
पोल खोलते ही दोनों पुलिसकर्मियों के सामने माफी मांगने लगे. इसके बाद एडिशनल एसपी अमृत मीणा ने दोनों को समझाइश देकर जाने दिया. एडिशनल एसपी अमृत मीणा ने लोगों से अपील की है कि इस तरह के फर्जी लोगों से बचें और ऐसे लोगों को भिक्षावृत्ति के रूप में बढ़ावा न दें. एडिशनल एसपी ने बताया कि शहर के चौराहों पर इस तरीके के लोग नजर आ जाते हैं, लेकिन ऐसे लोगों से बचने की जरूरत है.
हेमंत शर्मा