साल के अंत में एमपी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य पार्टियां पार्टी को मजबूत बनाने में जुटी हुई हैं. पार्टियों में लोगों का आना-जाना लगा है. ऐसे में रीवा रियासत के महाराज पुष्पराज सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया है. पुष्पराज सिंह रीवा विधानसभा सीट से 3 बार विधायक रहे हैं और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल रहे थे. पुष्पराज सिंह ने सीएम शिवराज सिंह चौहान, अध्यक्ष वीडी शर्मा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपस्थिति में भाजपा ज्वाइन की है.
दरअसल, दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री रहे रीवा राजघराने के महाराज पुष्पराज सिंह ने आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपस्थित में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. पुष्पराज सिंह रीवा विधानसभा सीट से 3 बार विधायक रहे और दिग्विजय सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे.
साल 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र शुक्ल ने हराया. इसके बाद से पुष्पराज सिंह की राजनीति ठंडी पड़ गई थी. पुष्पराज सिंह ने कांग्रेस छोड़कर सपा से लोकसभा का चुनाव लड़ा,लेकिन उन्हें हार नसीब हुई थी.
बेटा भाजपा से विधायक
पुष्पराज सिंह के बेटे दिव्यराज सिंह भाजपा के टिकट पर लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए हैं. वहीं, भाजपा नेता सतपाल महाराज पुष्पराज सिंह के समधी हैं. पुष्पराज से पहले उनके पिता महाराज मार्तंड सिंह कांग्रेसी थे, उनकी मां राजमाता प्रवीण कुमारी भाजपा में थीं.
कांग्रेस में टिकट काट दिया जाता था: पुष्पराज सिंह
भाजपा में शामिल होने पर पुष्पराज सिंह ने कहा कि उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. कांग्रेस उनके साथ धोखा कर रही थी. टिकट का आश्वासन देने के बाद भी उनका टिकट काट दिया जाता था. उन्हें केवल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सम्मान दिया था. राहुल गांधी के आग्रह पर वह कांग्रेस में बने रहे, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ.
विजय कुमार विश्वकर्मा