भोपाल वन विहार नेशनल पार्क में किंग कोबरा 'नागार्जुन' की मौत... दो महीने पहले मंगलुरु से लाया गया था

भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में कर्नाटक के मंगलुरु से दो महीने पहले करीब 5 साल के किंग कोबरा 'नागार्जुन' को लाया गया था, अब इस किंग कोबरा की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई. यह दुनिया के सबसे लंबे विषैले सांपों में गिना जाने वाला किंग कोबरा था. अब इस दुर्लभ प्रजाति के सांप की मौत की वजह जानने के लिए पोस्टमार्टम कराया जा रहा है.

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वन विहार नेशनल पार्क में किंग कोबरा की मौत. (Representational image) वन विहार नेशनल पार्क में किंग कोबरा की मौत. (Representational image)

aajtak.in

  • भोपाल,
  • 19 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST

भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क से चिंताजनक खबर सामने आई है. यहां रखे गए दुर्लभ प्रजाति के एक किंग कोबरा की मौत हो गई है. यह वही किंग कोबरा है, जिसे अप्रैल 2025 में कर्नाटक के मंगलुरु स्थित पिलीकुला बायोलॉजिकल पार्क से लाया गया था. इस सांप का नाम 'नागार्जुन' था और यह लगभग 5 साल का था.

एजेंसी के अनुसार, वन विहार के अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार की शाम तक नागार्जुन की गतिविधियां सामान्य थीं, लेकिन बुधवार की सुबह जब सीसीटीवी फुटेज में कोई हलचल नजर नहीं आई तो कर्मचारियों ने उसके बाड़े में जाकर जांच की. उस वक्त नागार्जुन मृत अवस्था में मिला.

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वन विहार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नागार्जुन की मौत के कारणों की पुष्टि के लिए पशु चिकित्सकों (veterinary doctor) की एक टीम द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा. फिलहाल मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है.

यह भी पढ़ें: MP: इंदौर चिड़ियाघर को मिली किंग कोबरा की सौगात, कर्नाटक से लाए गए सांप को CM ने स्नेक पार्क में छोड़ा

नागार्जुन के साथ एक और 8 वर्षीय किंग कोबरा 'नागशयना' को भी 6 अप्रैल 2025 को मंगलुरु से भोपाल लाया गया था. इन दोनों सांपों की 24 घंटे निगरानी की जा रही थी. वन विहार का मेडिकल स्टाफ लगातार मंगलुरु के विशेषज्ञों से संपर्क में था, ताकि दोनों सांपों की गतिविधियों और सेहत पर नजर रखी जा सके.

किंग कोबरा दुनिया का सबसे लंबा विषैला सांप होता है, जो 18 फीट तक लंबा हो सकता है. यह सांप बेहद आक्रामक होता है, बल्कि इसकी स्ट्रैटेजी चेंज करने की क्षमता इसे अन्य प्रजातियों से अलग करती है. इसे इकोसिस्टम का अहम हिस्सा माना जाता है. किसान इसे अपना मित्र मानते हैं, क्योंकि यह खेतों में चूहों जैसे कीटों का शिकार करता है. वन विहार प्रबंधन अब नागशयना की निगरानी और भी सख्ती से कर रहा है, ताकि कोई दूसरी अप्रिय घटना न हो.

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