मध्य प्रदेश के जबलपुर में सेंट्रल GST विभाग से जुड़े एक बड़े रिश्वतखोरी मामले का केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पर्दाफाश किया है. CBI ने कार्रवाई करते हुए GST इंस्पेक्टर सचिन खरे और एक असिस्टेंट कमिश्नर को गिरफ्तार किया है. दोनों अधिकारियों पर एक होटल कारोबारी से 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और पहली किस्त के रूप में 4 लाख रुपये लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने का आरोप है.
रिश्वत लेते CBI ने रंगे हाथों दबोचा
CBI सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई बुधवार शाम को की गई. होटल कारोबारी ने GST अधिकारियों द्वारा परेशान किए जाने और रिश्वत मांगे जाने की शिकायत CBI से की थी. शिकायत की पुष्टि के बाद CBI ने ट्रैप प्लान किया और जैसे ही आरोपी अधिकारियों ने 4 लाख रुपये की रकम ली, टीम ने उन्हें मौके पर गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को गुरुवार को CBI की विशेष अदालत में पेश किया गया. जांच एजेंसी ने कोर्ट से दोनों को 22 दिसंबर तक रिमांड पर देने की मांग की है, ताकि मामले से जुड़े अन्य पहलुओं की गहन जांच की जा सके.
गिरफ्तार अफसरों के कई ठिकानों पर छापेमारी
CBI की टीम ने गिरफ्तारी के बाद रातभर आरोपियों से पूछताछ की. सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में विभाग के भीतर चल रहे संभावित भ्रष्टाचार नेटवर्क से जुड़ी अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है. इसके साथ ही CBI की अलग-अलग टीमें आरोपियों के आवासों पर भी पहुंचीं, जहां तलाशी अभियान चलाया गया.
तलाशी के दौरान दस्तावेज, बैंक लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड और अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्यों की जांच की जा रही है. CBI यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि रिश्वत की मांग किस आधार पर की गई थी और इसमें किन-किन लोगों की भूमिका थी.
अन्य अधिकारियों की भी जांच शुरू
इस मामले में CBI ने कुल दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक अन्य आरोपी फिलहाल फरार बताया जा रहा है. उसकी तलाश के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.
मामले के सामने आने के बाद GST विभाग के अन्य अधिकारी भी जांच के दायरे में आ गए हैं. CBI यह जांच कर रही है कि यह रिश्वतखोरी केवल इन दो अधिकारियों तक सीमित थी या इसमें विभाग के अन्य अधिकारी भी शामिल हैं.
धीरज शाह