वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम से जाना जाएगा जबलपुर एयरपोर्ट, CM मोहन यादव का ऐलान

CM मोहन यादव ने ऐलान किया कि वीरांगना रानी दुर्गावती के जीवन, उनके पराक्रम और सुशासन के लिए किए गए नवाचारों को देश-दुनिया के सामने लाने के उद्देश्य से इन्हें पाठ्यक्रम में शामिल करने के साथ-साथ इन विषयों पर सेमिनार भी आयोजित किए जाएंगे. 

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CM ने वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर किया संबोधित. CM ने वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर किया संबोधित.

aajtak.in

  • जबलपुर ,
  • 24 जून 2024,
  • अपडेटेड 5:27 PM IST

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि वीरांगना रानी दुर्गावती ने न केवल अकबर की सेना को तीन बार परास्त किया अपितु सुशासन और जल प्रबंधन के क्षेत्र में भी कई नवाचार करते हुए क्षेत्र को जनोन्मुखी शासन व्यवस्था प्रदान की. जबलपुर एयरपोर्ट और मदन महल से होकर गुजरने वाला फ्लायओवर वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम से जाना जाएगा. गढ़ में रानी दुर्गावती के नाम पर स्टेडियम के लिए भी भारत सरकार से अनुमति दिलाने का प्रयास भी राज्य शासन द्वारा किया जाएगा. क्षेत्र के तालाबों व जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार भी प्राथमिकता से करेंगे. यह उनकी वीरता और पराक्रम को आदरांजलि है. 

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CM यादव ने वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर जबलपुर में आयोजित कार्यक्रम में कहा, अकबर का दौर कठिनकाल था, एक ओर जहां महाराणा प्रताप उससे संघर्ष कर रहे थे, वहीं वनांचल में वीरांगना रानी दुर्गावती ने अकबर की सेना से लोहा लिया.  

सीएम ने ऐलान किया कि वीरांगना रानी दुर्गावती के जीवन, उनके पराक्रम और सुशासन के लिए किए गए नवाचारों को देश-दुनिया के सामने लाने के उद्देश्य से इन्हें पाठ्यक्रम में शामिल करने के साथ-साथ इन विषयों पर सेमिनार भी आयोजित किए जाएंगे. 

वीरांगना रानी दुर्गावती के विविध पक्षों को सामने लाने के लिए 5 लाख रुपये का पुरस्कार भी घोषित किया गया है. जबलपुर सहित प्रदेश में प्रतिमाह सांस्कृतिक एवं बौद्धिक आयोजन भी होंगे. रानी दुर्गावती के 500 वें जन्मशताब्दी वर्ष में उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता ज्ञापित करने के उद्देश्य से ही पहली कैबिनेट जबलपुर में आयोजित की गई. भारतीय संस्कृति, सभ्यता और परम्पराओं के सम्मान व रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीरांगना रानी दुर्गावती जैसे व्यक्तित्वों के जीवन संघर्ष के अनछुए पहलुओं से जनसामान्य को परिचित कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में निरंतर कार्य जारी है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती और रानी अवंतीबाई लोधी ऐतिहासिक रूप से नारी शक्ति की अभिव्यक्ति रही हैं. उन्होंने यह सिद्ध किया कि युद्ध हो या शासन व्यवस्था महिलाएं कहीं भी पीछे नहीं हैं. इसी क्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जनजातीय प्रतिभा का प्रकटीकरण करते हुए भारतीय महिलाओं की क्षमता से देश ही नहीं दुनिया को अवगत कराया है. राज्य सरकार कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित है.

श्रद्धांजलि अर्पित की

गोंडवाना साम्राज्य की महारानी अदम्य शौर्य, पराक्रम और स्वाभिमान की प्रतीक वीरांगना रानी दुर्गावती के 461 वें बलिदान पर CM मोहन यादव ने नरई नाला स्थित समाधि स्थल पहुंचकर पूजा-अर्चना की तथा रानी को श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री ने समाधि स्थल पर रानी दुर्गावती अमर रहे के नारों के बीच रानी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.

रानी के सुपुत्र वीरनारायण को अर्पित की पुष्पांजलि

मुख्यमंत्री यादव ने जनजातीय समाज के आराध्य बड़ादेव की पूजा अर्चना की. उन्होंने रानी की समाधि पर पूजा और श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री ने समाधि स्थल पर ही रानी दुर्गावती के सुपुत्र वीरनारायण को भी पुष्पांजलि अर्पित की.

CM का जनजातीय परंपरा से किया आत्मीय स्वागत

CM मोहन यादव का समाधि स्थल पर बैगा जनजातीय नर्तक दल ने बैगा नाचा नृत्य से स्वागत किया. मुख्यमंत्री को जनजातीय नर्तकों ने खुमरी पहनाई.  यादव भी इस मौके पर कुछ अलग अंदाज में नजर आये. उन्होंने मोहगांव, मंडला से आये इन जनजातीय नर्तकों के साथ मादल की थाप पर नृत्य किया.

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कलाकारों को 5-5 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि

समाधि स्थल से प्रस्थान करते समय मुख्यमंत्री यादव बैगा नर्तक दल के सदस्यों से आत्मीयता से मिले. उन्होंने दल में शामिल कलाकारों को 5-5 हजार रुपये देने की घोषणा भी की. 

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