गांव में नहीं आता इंटरनेट नेटवर्क, पहाड़ी में मचान पर बैठकर बना रहे आयुष्मान कार्ड

MP News: हरदा जिले में आयुष्मान कार्ड पंजीयन कार्य विशेष अभियान के रूप में चल रहा है. इस दौरान इंटरनेट का नेटवर्क कमजोर होने की समस्या रहती है, तो कर्मचारी खुले और ऊंचे स्थान पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं. ऐसा ही मामला चंद्रखाल गांव का है, जहां मचान पर बैठकर वनवासियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं.

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मचान पर बैठकर कर रहे आयुष्मान कार्ड का रजिस्ट्रेशन. (फोटो:Aajtak) मचान पर बैठकर कर रहे आयुष्मान कार्ड का रजिस्ट्रेशन. (फोटो:Aajtak)

लोमेश कुमार गौर / रवीश पाल सिंह

  • हरदा ,
  • 14 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST

आज के समय में इंटरनेट का महत्व कितना ज्यादा है, इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं. लेकिन इसके बावजूद कई इलाके आज़ादी के 75 साल बाद भी नेटवर्क और इंटरनेट की कनेक्टिविटी से कोसों दूर हैं. ऐसा ही एक इलाका है मध्य प्रदेश के हरदा जिले का चंद्रखाल गांव. इस गांव में नेटवर्क न होने के चलते कर्मचारी पहाड़ी पर मचान है, जहां मचान (खेत में बने लकड़ी के टप्पर) बनाकर बैठे हैं और इसी पहाड़ी पर गांव के लोगों को बुलाकर उनका आयुष्मान कार्ड बनवाया जा रहा है. 

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दरअसल, सरकार की तरफ से पात्र लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं दिए जाने को लेकर आयुष्मान कार्ड बनवाया जा रहा है. इसके लिए सरकारी टीम गांव में कैंप लगाकर काम कर रही है. ग्राम पंचायत चंद्रखाल में नेटवर्क की दिक्कत है और इसलिए आयुष्मान कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन करने आई टीम ने जंगल में गांव से दूर ऊपर पहाड़ी पर नेटवर्क खोजा है. अब इस स्थिति में टीम ग्रामीण आदिवासियों को गांव से दूर पहाड़ी पर बुलाकर नेटवर्क की उपलब्धता से आयुष्मान कार्ड बनवा कर दे रही है. 

मचान पर बैठकर बना रहे आयुष्मान कार्ड.

स्वास्थ्य अधिकारी दीक्षा गौर ने 'Aajtak' से बात करते हुए बताया, 'आयुष्मान कार्ड से लोगों का 5 लाख रुपए तक का उपचार किया जा सकेगा. शिविर के माध्यम से कार्ड बनाए जा रहे हैं. चंद्रखाल में नेटवर्क की दिक्कत है, इसलिए मचान पर बैठकर काम किया जा रहा है. गांव में कहीं नेटवर्क नहीं है. बस यही नेटवर्क मिलता है.'  

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पंचायत सचिव रामकृष्ण इंदौरे बताते हैं कि गांव में नेटवर्क नहीं है. एक हज़ार से ज्यादा लोगों के आयुष्मान कार्ड बनना शेष है. पहाड़ी पर लोगों को बुलाकर लाते हैं, यदि नेटवर्क चले जाता है और काम नहीं होता तो लोग परेशान होकर वापस चले जाते हैं. बस, एक प्वाइंट पर नेटवर्क मिलता है.

इस बारे में हरदा कलेक्टर ऋषि गर्ग का कहना है, संपूर्ण जिले में आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं. ऐसे में कुछ जगह पर कनेक्टिविटी की दिक्कत होती है. जहां पर नेटवर्क की दिक्कत आ रही तो अमले को निर्देश दिए हैं कि वह ऐसे स्थान चिन्हित करें जहां नेटवर्क मिल जाता है. ज़िले में ऐसे 40--50 गांव हैं, जहां इंटरनेट नेटवर्क कम आता है, वहां 100% कवरेज करने के लिए काम शुरू हो चुका है.

 

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