5.25 करोड़ लोगों को मिला ₹22 हजार करोड़ का मुफ्त राशन, मंत्री गोविंद सिंह ने पेश किया दो साल का रिपोर्ट कार्ड

MP के खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि 'वन नेशन-वन राशन कार्ड' के तहत दूसरे राज्यों के लगभग 39 हजार परिवारों को हर महीने MP में राशन मिल रहा है.

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aajtak.in

  • भोपाल,
  • 25 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:27 PM IST

मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पिछले दो सालों के भीतर 5.25 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को लगभग 22 हजार 800 करोड़ रुपए का मुफ्त अनाज बांटा गया.

खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि 'वन नेशन-वन राशन' कार्ड योजना के तहत हर महीने दूसरे राज्यों के औसतन 39 हजार परिवारों को मध्य प्रदेश में मुफ्त राशन मिल रहा है. 16 लाख परिवार हर महीने इंटर-डिस्ट्रिक्ट पोर्टेबिलिटी का फायदा उठा रहे हैं. 89 आदिवासी और दुर्गम गांवों में, 'आपका राशन, आपके द्वार' योजना के जरिए घर-घर राशन पहुंचाया जा रहा है.

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मंत्री ने पिछले दो सालों में मोहन यादव सरकार की उपलब्धियों पर जोर देते हुए कहा, "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राज्य में 5.25 करोड़ से ज़्यादा लाभार्थियों को लगभग 2 हजार 800 करोड़ रुपए का मुफ्त अनाज बांटा गया."

गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि राशन वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए मुख्यमंत्री खाद्य सेवा जागरूकता कार्यक्रम लागू किया गया है.

मंत्री ने कहा, "इस कार्यक्रम के तहत, लाभार्थियों को SMS के जरिए राशन के आने और वितरण के बारे में जानकारी दी जा रही है. इसके अलावा, 26 जनवरी और 2 अक्टूबर को ग्राम सभाओं में योग्य लाभार्थियों की सूची पढ़ी जाती है."

उन्होंने कहा कि खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग योजनाओं को लागू करने में पारदर्शिता और टेक्नोलॉजी-आधारित निगरानी को प्राथमिकता देता है.

विभाग ने ई-केवाईसी प्रक्रिया में भी काफी प्रगति की है, दो सालों में MP में 17 मिलियन से ज्यादा लाभार्थियों का वेरिफिकेशन किया गया है. उन्होंने कहा, "अब तक 4.97 करोड़ लाभार्थियों का ई-केवाईसी वेरिफिकेशन पूरा हो चुका है, जो 93 प्रतिशत है."

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मंत्री ने बताया कि पिछले दो सालों में 28 लाख किसानों से फसल खरीदने के लिए कुल 51 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है.

गेहूं खरीद के लिए 2,600 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान किया गया, जिसमें 175 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस भी शामिल था.

मंत्री राजपूत ने बताया कि बाट और माप विभाग ने ई-केवाईसी वेरिफिकेशन प्रक्रिया लागू की है. पिछले दो सालों में, वेरिफिकेशन और निरीक्षण के ज़रिए 49.14 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया गया है. उन्होंने बताया कि इंस्पेक्शन के दौरान गड़बड़ियां पाए जाने पर 11 हजार 700 केस दर्ज किए गए और लगभग 4.50 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला गया.

राजपूत ने कहा कि उनके विभाग ने राशन की दुकानों को 'मुख्यमंत्री पोषण मार्ट' के रूप में विकसित करने, सॉफ्टवेयर सिस्टम को इंटीग्रेट करने, एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से राशन बांटने और सिंहस्थ 2028 के लिए मेले वाले इलाके में राशन और गैस की सप्लाई के लिए बड़े पैमाने पर इंतजाम करने के लिए एक एक्शन प्लान तैयार किया है.

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