सम्मान और रीति-रिवाज से नहीं किया मां का अंतिम संस्कार, बेटे के खिलाफ FIR; पुलिस ने गड्ढे से निकलवाया शव

Bhopal News: टीआई के मुताबिक, क्योंकि गांववालों ने बेटे पर हत्या का शक जताया था इसलिए बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ की. तो उसने बताया कि मां की मौत के बाद उसके पास अंतिम संस्कार तक के लिए रुपए नहीं थे, इसलिए उसने जंगल में खुदे गड्ढे में मां को दफना दिया था. 

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(प्रतीकात्मक तस्वीर) (प्रतीकात्मक तस्वीर)

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल ,
  • 19 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पुलिस ने मां का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से न करवाने पर बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. मध्यप्रदेश में सम्भवतः यह अपनी तरह का पहला मामला है. 

यह मामला भोपाल के पास स्थित गुनगा थाना क्षेत्र का है. गुनगा टीआई अरुण शर्मा ने aajtak से बात करते हुए बताया, 13 फरवरी को गांव की ही रहने वाली 80 साल की तुलसी बाई का निधन बीमारी की वजह से हो गया था. लेकिन मां की मौत के बाद बेटे जगदीश ने हिंदू रीति रिवाजों से मां का अंतिम संस्कार न करते हुए गांव के पास जंगल में खुदे गड्ढे में दफना दिया. गांववालों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी और तुलसी बाई की हत्या का शक जताया. 

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गुनगा टीआई अरुण शर्मा ने बताया कि सूचना पर कार्रवाई करते हुए तुलसी बाई के शव को गड्ढे से खोद कर निकाला गया और उसका पोस्टमॉर्टम करवाया गया. इस बीच, मृतका का रीति रिवाज से अंतिम संस्कार भी करवाया गया. 

अंतिम संस्कार तक के लिए रुपए नहीं थे

टीआई के मुताबिक, क्योंकि गांववालों ने बेटे पर हत्या का शक जताया था इसलिए बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ की. तो उसने बताया कि मां की मौत के बाद उसके पास अंतिम संस्कार तक के लिए रुपए नहीं थे, इसलिए उसने जंगल में खुदे गड्ढे में मां को दफना दिया था. 

सामान्य तरीके से हुई मौत

वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी तुलसी बाई की मौत सामान्य होना पाई गई जिसके बाद बेटे की बेगुनाही भी साबित हो गई. लेकिन बेटे ने मां के शव को उचित सम्मान नहीं दिया था इसलिए बेटे जगदीश के खिलाफ आईपीसी की धारा 297 के तहत केस दर्ज कर उसे मुचलके पर रिहा कर दिया गया. 

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