मध्य प्रदेश के इंदौर में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी मार्कशीट बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया. पुलिस ने इस मामले में पहले दो लोगों को गिरफ्तार किया था. उनसे पूछताछ करके दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया. आरोपी लाखों रुपये लेकर फर्जी मार्कशीट बेचते थे. पुलिस गैंग के लोगों से अधिक जानकारी निकालने में लगी हुई है.
दरअसल, मामला इंदौर के विजय नगर थाना क्षेत्र का है. यहां पुलिस ने सूचना के आधार पर फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दिनेश तिरोले और मनीष को गिरफ्तार किया था. उन्हीं की निशानदेही पर पुलिस ने मुकेश तिवारी और निधि शर्मा को भी गिरफ्तार किया. पुलिस ने बताया कि आरोपी मुकेश एस मेमोरियल नाम से स्कूल संचालित करता है.
फर्जी डिग्रियां और लाखों की वसूली
पुलिस के मुताबिक, आरोपी दिनेश और मनीष जाली मार्कशीट बनवाकर लोगों को लाखों रुपए में बेचते थे. पुलिस दोनों के बैंक अकाउंट खंगाल रही है. पुलिस ने उनके कई बैंक अकाउंट को भी सीज किया है. फिलहाल पुलिस केवल इंदौर में कार्रवाई कर रही है.
पुलिस ने बताया कि गैंग का फर्जी मार्कशीट वाला धंधा बीते पांच साल से चल रहा था. गिरोह अभी तक एक हजार फर्जी मार्कशीट बना चुका है. आरोपी बीएचएमएस, बीएएमएस, बी फार्मा, एम फार्मा, डी फार्म, जीएनएम, लैब टेक से लेकर आठवीं, दसवीं और बारहवीं तक की फर्जी मार्कशीट बनाते थे और हजारों, लाखों में रुपए में बेच दिया करते थे.
आने वाले दिनों में और खुलासे होने की उम्मीद-पुलिस
इस मामले में डीएसपी अभिषेक आनंद ने बताया कि पुलिस ने घर से संचालित कर रहे फर्जी मार्कशीट गिरोह का पर्दाफाश करते हुए अब तक कुल चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. आने वाले दिनों में और भी कई खुलासे होने की उम्मीद है. अब तक पुलिस ने आरोपियों से लगभग 50-60 फर्जी मार्कशीट जब्त की हैं. आरोपी दिल्ली, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और कई राज्यों की यूनिवर्सिटी के नाम से फर्जी मार्कशीट बनाकर बेचते थे.
धर्मेंद्र कुमार शर्मा