मध्य प्रदेश में डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने आज भोपाल के श्यामलाहिल्स हिल्स मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग पहुंचकर अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण किया. इस मौके पर पिछड़ा वर्ग से जुड़े जन-प्रतिनिधि भी मौजूद थे.
डॉ. कुसमरिया को राज्य शासन ने मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया था. कार्यभार ग्रहण करने के बाद डॉ. कुसमरिया ने आयोग की गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की. आयोग मुख्य रूप से प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के लिये हितप्रहरी के रूप में कार्य करता है.
इसके साथ ही आयोग राज्य की सामाजिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग जातियों की सूचियों में जातियों को जोड़ने और विलोपित करने की अनुशंसा राज्य शासन को भेजता है. प्रदेश में कुल आबादी का एक बड़ा हिस्सा पिछड़ा वर्ग से संबंधित है.
जिला स्तर पर करेंगे समीक्षा
कार्यभार ग्रहण करने के बाद डॉ. कुसमरिया ने कहा कि वे शीघ्र ही जिलों का दौरा कर पिछड़ा वर्ग के कल्याण से संबंधित योजनाओं की समीक्षा करेंगे. इसके साथ ही वे पिछड़ा वर्ग से जुड़े स्थानीय जन-प्रतिनिधियों से चर्चा कर उनकी दिक्कतों को समझेंगे और सुझाव प्राप्त करेंगे.
दोनों सीटें बचाने में कामयाब रही BJP
बता दें कि साल के 2018 के चुनाव में कुसमरिया ने बीजेपी से बगावत करके दमोह जिले की दो सीटें दमोह और पथरिया से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. इन दोनों सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. हार की समीक्षा में मुख्य कारण रामकृष्ण कुसमरिया ही निकले थे.
2023 के विधानसभा चुनाव में भी कुसमरिया पथरिया सीट से दावेदारी जता रहे थे, लेकिन भाजपा ने अपनी पहली ही लिस्ट में पथरिया से लखन पटेल को प्रत्याशी घोषित कर दिया था. हालांकि, पार्टी ने कुसमरिया को बागवत से रोकने के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में अध्यक्ष के पद पर बैठा दिया. बता दें कि 3 दिसंबर को घोषित हुए परिणामों में बीजेपी दोनों सीटें (दमोह और पथरिया) जीतने में सफल हो गई.
आचार संहिता लागू होने से पहले 6 अक्टूबर को आयोग में अध्यक्ष के पद पर कुसमरिया को नियुक्ति मिल गई थी. हालांकि, कार्यभार उन्होंने 13 दिसंबर को ग्रहण किया.
डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया जनसंघ के जमाने के नेता हैं. 5 बार सांसद रहने के साथ 3 बार विधायक रहे हैं. यही नहीं, मध्य प्रदेश के पूर्ववर्ती शिवराज सरकार में कृषि मंत्री भी रहे चुके हैं.
aajtak.in