मौत से जुड़े सवालों के जवाब सुझाती ‘मृत्यु’

मृत्यु एक ऐसी घटना है जिसके नाम तक से लोग सिहर जाते हैं. हालांकि यह भी सच है कि मृत्यु और उसके बाद के जीवन को लेकर आम जन का मन जिज्ञासा से भरा रहता है. उनके पास इसे लेकर अनेक सवाल होते हैं. चंद्रमौली राय ने अपनी किताब में इन्हीं सवालों का जवाब देने की कोशिश की है.

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चंद्रमौली राय की पुस्तक मृत्यु चंद्रमौली राय की पुस्तक मृत्यु

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:20 PM IST
  • चंद्रमौली राय की तीसरी किताब मृत्यु पब्लिश
  • मृत्यु के रहस्यों को सुलझाने की कोशि‍श

मृत्यु एक ऐसी घटना है जिसके नाम तक से लोग सिहर जाते हैं. हालांकि यह भी सच है कि मृत्यु और उसके बाद के जीवन को लेकर आम जन का मन जिज्ञासा से भरा रहता है. उनके पास इसे लेकर अनेक सवाल होते हैं. चंद्रमौली राय अपनी इस किताब में इन्हीं सवालों का जवाब देने की कोशिश की है. लेखक चंद्रमौली राय की तीसरी किताब मृत्यु प्रकाशित हो गई है. पिछले दो कहानी संग्रह ‘परिणाम’ और ‘मृगतृष्णा’ से इतर मृत्यु में चंद्रमौली राय मौत के दर्शन पर बात करते हैं. 

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लेखक ने भगवत गीता, शिव पुराण, गरुण पुराण जैसे हमारे धार्मिक ग्रंथ के आधार पर मृत्यु के अलग-अलग मायनों से परिचित कराया है. इंसान भावनाओं के आगोश में रहता है. ऐसे में जीवन जीने की लालसा के बीच जब वो किसी मृत्यु के बारे में सुनता है तो उसका मन विचलित होना स्वाभाविक है.

चंद्रमौली राय की किताब मृत्यु

राय अपनी इस किताब में मृत्यु, अकाल मृत्यु, आत्महत्या, मृत्यु के बाद के जीवन, आत्मा के रहस्य, पुराणों में उल्लेखित प्रारब्ध से जुड़ी बातों को संक्षेप में समझाते हैं. महज 55 पेज की इस किताब में वे ज्ञान, ध्यान, भक्ति, गुरु, मोक्ष, जीवन के उद्देश्य जैसे वृहद विषयों को छूकर निकलते हैं. हालांकि कुछ जगह मृत्यु को लेकर कही गई बातें गंभीर लेखन से ज्यादा टोटके के मुआफिक नजर आती हैं, जो सामान्य पाठकों के मन में बेवजह का डर पैदा कर सकती हैं. किताब कई जगह विषय से भटकती नजर आती है. वर्तनी की अशुद्धियां भी पाठक का तारतम्य तोड़ती हैं.

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हिंदी दिवस विशेष: बाज़ार की हिंदी बनाम हिंदी का बाज़ार

किताब को पंजाब के रिगी पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया है. किताब की एक अच्छी बात ये है कि इसके जरिए हम अपने उन तमाम धार्मिक ग्रंथों में लिखी बातों से अवगत होते हैं जो सामान्य तौर पर घर में उपलब्ध नहीं होती हैं. इसे संदर्भ के तौर पर पढ़कर विस्तार से पढ़ने के लिए उन ग्रंथों का अध्ययन किया जा सकता है. 

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