थाईलैंड, श्रीलंका और मलेशिया के बाद इंडोनेशिया भी भारतीय नागरिकों को वीजा फ्री एंट्री देने पर विचार कर रहा है. इंडोनेशियाई पर्यटन मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, एक महीने के अंदर इस फैसले पर मुहर लग सकती है. इंडोनेशिया ने यह फैसला भारतीय पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए किया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनेशिया के पर्यटन मंत्री सैंडियागा यूनो ने गुरुवार को कहा कि उन्हें सरकार से कुछ देशों के पर्यटकों के लिए वीजा फ्री एंट्री देने पर विचार करने के निर्देश मिले हैं. इंडोनेशिया अपने पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका, चीन, ऑस्ट्रेलिया, भारत, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस सहित 20 देशों के नागरिकों को वीजा फ्री एंट्री देने पर विचार कर रहा है.
पर्यटकों को लुभाने की कोशिश
इंडोनेशिया के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कोविड महामारी से पहले 2019 में लगभग एक करोड़ 60 लाख से ज्यादा विदेशी पर्यटक इंडोनेशिया आए. वहीं, इस साल जनवरी से अक्टूबर तक लगभग एक करोड़ विदेशी पर्यटक इंडोनेशिया आए. अगर इसकी तुलना पिछले साल की इसी अवधि से की जाए तो पर्यटकों की संख्या में लगभग 124 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश इंडोनेशिया का यह फैसला इसलिए भी मायने रखता है, क्योंकि हाल ही में मुस्लिम बहुल देश मलेशिया ने भी चीन और भारतीय पर्यटकों के लिए वीजा फ्री एंट्री देने की घोषणा की है. इससे पहले सितंबर में इंडोनेशिया ने विदेशी व्यक्तियों और कॉरपोरेट निवेशकों को लुभाने के लिए गोल्डन वीजा की घोषणा की थी.
थाईलैंड में भी वीजा फ्री एंट्री
मलेशिया से पहले उसके पड़ोसी देश थाईलैंड ने भी देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऐसा ही एक कदम उठाया था. थाईलैंड की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का बड़ा योगदान है लेकिन कोविड के कारण उसके पर्यटन सेक्टर को बड़ा धक्का लगा है. पर्यटन सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए थाईलैंड ने भारत, चीन समेत कई देशों के नागरिकों को वीजा फ्री एंट्री देना शुरू किया है.
थाईलैंड ने वीजा फ्री एंट्री की घोषणा नवंबर की शुरुआत में की थी. भारतीय पर्यटक 10 नवंबर 2023 से लेकर 10 मई 2024 तक 30 दिनों के लिए वीजा फ्री एंट्री कर सकते हैं.
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