लो विजन से जूझ रहे लोगों के लिए नई तकनीक, देख सकेंगे दुनिया

ऑक्साइट लिमिटेड ने एडवांस्ड सेंटर फॉर साइट एन्हांसमेंट का गठन किया है. इसके लिए इस संगठन ने अंसल यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी की है. इस सेंटर में देखने की समस्या से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए रिसर्च किया जाएगा, और उनके लिए उम्दा किस्म के नजर के चश्मे बनाएं जाएंगे.

Advertisement
प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-रायटर्स) प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-रायटर्स)

स्मिता ओझा / पन्ना लाल

  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 3:58 PM IST

नजर की समस्या से जूझ रहे लोगों की तकलीफों को कम करने के लिए ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च यूनिट से आए ऑक्साइट लिमिटेड ने एडवांस्ड सेंटर फॉर साइट एन्हांसमेंट का गठन किया है. इसके लिए इस संगठन ने अंसल यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी की है. इस सेंटर में देखने की समस्या से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए रिसर्च की जाएगी.

Advertisement

सुशांत ऑक्साइट लो विजन सेंटर की शुरुआत गुरुग्राम के अंसल यूनिवर्सिटी में की जा रही है. यहां छात्रों को इस नई तकनीक के बारे में पढ़ाया जायगा. इसके अलावा ये सेंटर दिल्ली और गुरुग्राम के नेत्र अस्पताल में भी सेंटर स्थापित करेंगे. यहां पर मरीजों के साथ ऑक्साइट स्मार्ट ग्लासेज की सुविधा दी जाएगी.

बता दें कि ऑक्साइट स्मार्ट ग्लासेज एक तरीके के आधुनिक चश्मे हैं जिनको पहन कर लो विजन वाले मरीज भी आसानी से देख सकेंगे. अंसल यूनिवर्सिटी की डायरेक्टर प्रोफेसर मोनिका चौधरी ने बताया, "हमारा मुख्य उद्देश्य भारत मे हॉस्पिटल और आई क्लिनिक के बीच एक बेहतर तालमेल बैठाना है जिससे हम भारत मे लो विजन और साइट लॉस के मरीज़ों की जरूरतों का सही आकलन कर सकें और उनको बेहतर चिकित्सा मुहैया करा सकें, इसके लिए हम सर्टिफिकेट कोर्स कराएंगे"

Advertisement

इस बारे में ऑक्साइट लिमिटेड के राकेश रोशन का कहना है कि ये कोलैबोरेशन भारत में नजर की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए नए दरवाजे, नए विकल्प खोजने के इरादे से बेहद महत्वपूर्ण हैं, अगर हम इसको लेकर लोगों को जागरुक कर पाएं तो ये अपने आप में नजर की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए क्रांति साबित होगी. हालांकि उन्होंने कहा कि ये तकनीक अभी थोड़ी महंगी जरूर है, पर आगे चलकर किफायती हो जाएगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement