Weight loss oral drug: इंजेक्शन नहीं, अब गोली से मिलेगा मोटापा और डायबिटीज पर काबू! असरदार साबित हुई टेबलेट

एली लिली कंपनी ने वजन कम करने वाली ओरल दवा का फेज-3 ट्रायल पूरा कर लिया है जिसके नतीजे काफी अच्छे आए हैं. नतीजों के अनुसार मोटापा और टाइप-2 डायबिटीज से जूझ रहे लोगों का वजन कम हुआ और शुगर भी कम हुई.

Advertisement
मोटापे और शुगर मरीजों के लिए नई उम्मीद बन सकती है गोली. (PHoto: AI Generated) मोटापे और शुगर मरीजों के लिए नई उम्मीद बन सकती है गोली. (PHoto: AI Generated)

मिलन शर्मा / आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 27 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 1:28 PM IST

मोटापा और डायबिटीज आज के दौर में काफी बड़ी समस्या बन चुकी है. देश-दुनिया में हर साल करोड़ों लोग इन बीमारियों से जूझ रहे हैं और वहीं वेट लॉस करने के लिए तरह-तरह के तरीके और दवाएं भी तलाश रहे हैं. अब इसी बीच अमेरिकी कंपनी एली लिली की नई दवा ने बेहतर नतीजे दिखाए हैं जो मोटापे और टाइप-2 डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों के लिए नई उम्मीद साबित हो सकती है. दरअसल, इस कंपनी ने अपनी फेज-3 क्लिनिकल ट्रायल ATTAIN-2 के पॉजिटिव नतीजे जारी किए हैं. यह ट्रायल ऑर्फोर्ग्लिप्रॉन (Orforglipron) नाम की ओरल GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट दवा (टेबलेट या गोली) पर किया गया था. इस ट्रायल में मोटापे या ओवरवेट और टाइप-2 डायबिटीज़ से जूझ रहे वयस्क शामिल थे. इस तीसरे क्लिनिकल ट्रायल के नतीजे काफी अच्छे आए हैं.

Advertisement

एली लिली कंपनी की ऑफिशिअल वेबसाइट मुताबिक, ट्रायल में दवा की सभी तीन खुराकों ने प्राइमरी और सभी सेकेंडरी एंडपॉइंट्स पूरे किए. यानी, प्रतिभागियों के वजन में उल्लेखनीय कमी, ब्लड शुगर (A1C) में अच्छा सुधार और कार्डियोमेटाबॉलिक रिस्क फैक्टर्स में बेहतर नतीजे दिखे.

सबसे अहम बात जो मरीज रोजाना 36 mg ऑर्फोर्ग्लिप्रॉन दवा लेते रहे, उनका वजन 72 हफ्तों में औसतन 10.5% (करीब 10.38 किलो) घटा. वहीं प्लेसीबो लेने वाले ग्रुप का सिर्फ 2.2% यानी 2.3 किलो वजन कम हुआ.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

अमेरिकन बोर्ड ऑफ ओबेसिटी मेडिसिन के फाउंडर और मानद चेयरमैन और ओबेसिटी स्पेशलिस्ट डॉ. लुईस जे. अरोन का कहना है, 'मेरे अनुभव में ये नतीजे दिखाते हैं कि ऑर्फोर्ग्लिप्रॉन ओरल दवा, इंजेक्शन वाली GLP-1 क्लास की तरह ही असरदार, सुरक्षित और सहन करने योग्य साबित हो सकती है. यह उन मरीजों के लिए बड़ा विकल्प बनेगी जो इंजेक्शन नहीं बल्कि गोली लेना पसंद करते हैं और उन्हें भी क्लिनिकल तौर पर बेहतरीन नतीजे मिलेंगे.'

Advertisement

A1C और अन्य फायदे

ऑर्फोर्ग्लिप्रॉन दवा मोटापे और डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों में वजन घटाने, शुगर कंट्रोल करने और दिल की बीमारियों का खतरा कम करने, तीनों में फायदेमंद साबित हुई है. ऑर्फोर्ग्लिप्रॉन से शुगर लेवल (A1C) भी काफी कम हुआ. कई लोगों का शुगर लेवल इतना कम हुआ कि वह डायबिटीज की तय सीमा के बराबर या उससे भी कम हो गया.

A1C एक ब्लड टेस्ट है जो पिछले 2-3 महीनों में आपके ब्लड शुगर (ग्लूकोज) के एवरेज लेवल को मापता है. यह टेस्ट इस बात का पता लगाने के लिए किया जाता है कि आपको डायबिटीज या प्रीडायबिटीज है या नहीं. यदि आपको पहले से ही डायबिटीज है तो आपका ट्रीटमेंट किस तरह काम कर रहा है. इस टेस्ट का रिजल्ट प्रतिशत में प्राप्त होता है. जितना अधिक प्रतिशत होगा, उतना ही अधिक आपका एवरेज ब्लड शुगर होगा.

ऑर्फोर्ग्लिप्रॉन लेने वाले A1C लेवल में 1.3% से 1.8% तक की गिरावट दर्ज हुई थी. वहीं सबसे अधिक खुराक लेने वाले 75% प्रतिभागियों का A1C 6.5 प्रतिशत या उससे कम हो गया था जो अमेरिकल डायबिटीज एसोशिएसन के मुताबिक डायबिटीज-फ्री लेवल है. दवा ने कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और ट्राइग्लिसराइड्स जैसे दिल से जुड़े कई रिस्क फैक्टर्स में सुधार किया.

एक खास एनालिसिस में यह भी सामने आया कि दवा की सबसे ऊंची खुराक ने सूजन को भी 50.6% तक कम किया था.

Advertisement

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement