Reverse diabetes naturally: डायबिटीज को करना चाहते हैं रिवर्स? तो इन तरीकों से मिलेगी मदद

भारत में तेजी से डायबिटीज और प्री डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. लेकिन अच्छी खबर ये है कि इस बीमारी को आप ठीक कर सकते हैं. आइए जानते हैं उन तरीकों के बारे में जिनके जरिए आप टाइप 2 डायबिटीज को रिवर्स कर सकते हैं.

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Reverse diabetes naturally Reverse diabetes naturally

आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2025,
  • अपडेटेड 7:00 PM IST

Reverse diabetes naturally: टाइप 2 डायबिटीज एक क्रॉनिक डिजीज है जो तब शुरू होती है जब शरीर इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता और खून में शुगर का लेवल बढ़ जाता है. हालांकि इसके कई ट्रीटमेंट भी हैं जिससे आप ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकते हैं, लेकिन आप इसे ठीक करने के लिए नेचुरल तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं.

भारत में तेजी से डायबिटीज और प्री डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. लेकिन अच्छी खबर ये है कि इस बीमारी को आप ठीक कर सकते हैं. आइए जानते हैं उन तरीकों के बारे में जिनके जरिए आप टाइप 2 डायबिटीज को रिवर्स कर सकते हैं.

 विसरल फैट कम करें - स्टडी से पता चलता है कि विसरल फैट इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाता है. ऐसे में जरूरी है कि आप सिर्फ ब्लड शुगर को ही कंट्रोल ना करके फैट लॉस पर भी फोकस करें. कम कैलोरी वाली चीजों को डाइट में शामिल करें. हाई प्रोटीन मील लें. रोजाना 3- से 45 मिनट एक्सरसाइज करें.

ब्लड शुगर को स्टेबल करने के लिए खाना खाएं- क्रैश डाइट को भूल जाएं. ऐसी चीजों का सेवन करें जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो. कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों का सेवन करने से शुगर स्पाइक को रोका जा सकता है और HbA1c में सुधार हो सकता है.

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डाइट में नॉन स्टार्ची सब्जियों को शामिल करें. लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फलों का सेवन करें. प्रोटीन रिच फूड्स को डाइट में शामिल करें साथ ही हेल्दी फैट्स को भी डाइट में शामिल करें. व्हाइट राइस, मैदा और चीनी का सेवन ना करें. फ्रूट जूस और शुगरी ड्रिंक्स का सेवन ना करें और प्रोसेस्ड स्नैक्स और मिठाइयों का सेवन करने से बचें.

वॉक करें, खासकर भोजन के बाद- खाने के बाद सिर्फ 15 मिनट टहलने से ब्लड शुगर में कमी आती है.  रोजाना 8,000–10,000 स्टेप्स पूरा करें. लंच और डिनर के बाद 10 से 15 मिनट की वॉक करें.

मैनेज स्ट्रेस+ नींद में सुधार- क्रॉनिक स्ट्रेस से बॉडी में कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल बढ़ने लगता है जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस की दिक्कत होती है.  इसके अलावा, खराब नींद का मतलब है खराब ग्लूकोज कंट्रोल. जरूरी है कि आप रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लें. स्ट्रेस कम करने वाली चीजें करें.

अपने ब्लड शुगर लेवल पर नजर बनाए रखें.  इसके लिए जरूरी है कि फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज, HbA1c  और कमर के साइज पर ध्यान दें.

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