'राजाओं' वाली इस बीमारी के कारण कम उम्र में ही होने लगता है घुटनों में दर्द, जोखिम बढ़ने से पहले पहचान लें!

गाउट (Gout) अर्थराइटिस का ही एक प्रकार है. इसे राजाओं वाली बीमारी या अमीर लोगों की बीमारी (Disease of Kings rich mans) कहा जाता है. इसके कारण 30 की उम्र वाले लोगों के घुटनों में दर्द होने लगता है. अगर समय रहते इसे पहचान लिया जाए तो आगे आने वाले जोखिम से बचा जा सकता है.

Advertisement
(Image credit: Getty images) (Image credit: Getty images)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST

पहले के समय में अधिक उम्र होने पर ही लोगों के जोड़ों और घुटनों में दर्द होता था लेकिन आज के समय में कम उम्र वाले लोगों को भी घुटनों में दर्द की शिकायत होने लगी है. घुटनों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जैसे: बैठने का गलत तरीका, मोटापा, चोट, कैल्शियम की कमी, मांसपेशियों में खिंचाव, लिगामेंट में चोट, बर्साइटिस, अर्थराइटिस आदि. अगर समय रहते इन कारणों पर ध्यान दिया जाए तो इस समस्या को खत्म या कम किया जा सकता है. रिसर्च के मुताबिक, हर 100 में से दो लोगों को गठिया रोग है, जिसके कारण घुटनों में दर्द और अकड़न पैदा होती है. कई लोगों को 30 की उम्र में ही घुटनों में दर्द होने लगता है. इस उम्र के लोगों के घुटने में दर्द का कारण 'राजाओं वाली बीमारी' भी हो सकती है. यह बीमारी कौन सी है? इससे कैसे बचा जा सकता है? इस बारे में जानना भी काफी जरूरी है.

Advertisement

2600 ईसा पूर्व हुई थी इस बीमारी की पहचान

Pubmed के मुताबिक, 'राजाओं की बीमारी' या 'अमीर आदमी की बीमारी' जिसके कारण घुटनों में दर्द हो सकता है, उसे गाउट (Gout) कहा जाता है. गाउट के बारे में प्रारंभिक दस्तावेज 2600 ईसा पूर्व में मिस्र से मिले हैं, जिनमें पैर के गठिया यानी गाउट के बारे में बताया गया है. पहली बार 2640 ईसा पूर्व में मिस्रवासियों द्वारा गाउट बीमारी को पहचाना गया था और उसके बाद पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व में ग्रीक चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स द्वारा भी इस बीमारी को कन्फर्म किया गया था. 'गाउट' लैटिन शब्द गुट्टा से लिया गया है. 

क्या है गाउट (what is gout)

The mirror के मुताबिक, गाउट गठिया (अर्थराइटिस) का ही एक रूप है. गाउट में सोडियम यूरेट के क्रिस्टल जोड़ों के अंदर और आसपास बनने लगते हैं, जिससे तेज दर्द और सूजन आने लगती है. गाउट आमतौर पर पैर के अंगूठे के जोड़, टखने और घुटनों के जोड़ को प्रभावित करता है. बताया जाता है कि जब अमीर लोग अनहेल्दी फूड्स का अधिक सेवन करते थे और शराब पीते थे, तब उन लोगों को यह बीमारी होती थी इसलिए इसे अभी भी अमीरों वाली बीमारी कहा जाता है. उनकी डाइट में शराब, रेड मीट, ऑर्गन फूड और समुद्री भोजन शामिल होते थे. नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक, गाउट की स्थिति मुख्य रूप से 30 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों और मैनापॉज के बाद महिलाओं को प्रभावित करती है. 

Advertisement

गाउट के क्या लक्षण हैं (What are the symptoms of gout?)

गाउट के लक्षण वैसे तो काफी कॉमन होते हैं लेकिन उन्हें नीचे दिए हुए संकेतों से समझ सकते हैं. अगर नीचे दिए संकेत अगर आपको नजर आते हैं तो वह गाउट का चेतावनी संकेत हो सकते हैं. यह लक्षण आमतौर पर पांच से सात दिनों तक रह सकते हैं. गाउट ले लक्षण हैं :

- अचानक से जोड़ों में दर्द 
- पैर के अंगूठे में दर्द 
- हाथ, कलाई, कोहनी या घुटनों में दर्द
- जोड़ के ऊपर सूजन
- दर्द वाले जोड़ के ऊपर सूजन
- जोड़ों के दर्द के साथ बुखार
- जोड़ों के दर्द के साथ ठंड लगना

गाउट होने के क्या कारण हैं? (What are the causes of gout)

Healthline के मुताबिक, कुछ ऐसे कारक भी हैं जो गाउट की स्थिति को पैदा करते हैं और उसे बढ़ा सकते हैं. इनमें से अधिकतर कारक लिंग, आयु और लाइफस्टाइल पर आधारित होते हैं. नीचे बताए कारक गाउट की स्थिति पैदा करते हैं: 

- अधिक उम्र
- मोटापा
- प्यूरीन वाली डाइट 
- शराब
- मीठी ड्रिंक्स 
- सोडा 
- फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप
- एंटीबायोटिक्स और साइक्लोस्पोरिन जैसी दवाएं

गाउट के लक्षण दिखने पर क्या करें? (What to do when gout symptoms appear)

Advertisement

अगर समय रहते हुए इन लक्षणों पर ध्यान दिया जाए तो गंभीर गाउट से बचा जा सकता है. अगर किसी में ये लक्षण बिगड़ते हैं तो इसका मतलब जोड़ों के अंदर संक्रमण बढ़ना भी हो सकता है. किसी को अधिक जोड़ों के दर्द के साथ अधिक बुखार आता है, कंपकंपी आती है, खाना नहीं खा पाते तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. 


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement