Chicken During Pregnancy: क्या प्रेग्नेंसी में चिकन खा सकती हैं महिलाएं? क्या है सही तरीका

Chicken During Pregnancy: अक्सर चिकन को लेकर ये सवाल उठता है कि क्या इसे गर्भवती महिला की डाइट में शामिल करना चाहिए या नहीं. क्या प्रेग्नेंसी में चिकन खाना सेफ होता है या नहीं?

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प्रेग्नेंसी में खाने-पीने का काफी ख्याल रखना होता है. प्रेग्नेंसी में खाने-पीने का काफी ख्याल रखना होता है.

आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 15 मई 2025,
  • अपडेटेड 4:44 PM IST

Chicken During Pregnancy: गर्भावस्था के दौरान अच्छा खाना एक मां के लिए अपने और अपने बच्चे के लिए सबसे अच्छी चीजों में से एक है. सही खाना बच्चे को बढ़ने, मां को हेल्दी रखने और जटिलताओं के खतरे को कम करने में मदद करते हैं. बैलेंस्ड डाइट मां और बच्चे दोनों को जरूरी विटामिन, मिनरल्स और एनर्जी देती है.

एक गर्भवती महिला की डाइट में फल, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन को शामिल करना चाहिए. अक्सर चिकन को लेकर ये सवाल उठता है कि क्या इसे गर्भवती महिला की डाइट में शामिल करना चाहिए या नहीं. क्या प्रेग्नेंसी में चिकन खाना सेफ होता है या नहीं?

प्रेग्नेंसी में चिकन खाना सेफ है?

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चिकन प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सेफ और हेल्दी खाना है, लेकिन इसे सही से खाना और बनाना बहुत जरूरी है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि चिकन लीन प्रोटीन का हाई क्वॉलिटी वाला सोर्स है, जो बच्चे के विकास के लिए जरूरी है, खासकर प्रेग्नेंसी के दूसरे ट्राइमेस्टर के दौरान जब भ्रूण का विकास तेजी से होता है.

इसमें बी विटामिन, खासतौर से नियासिन और बी6 भरपूर मात्रा में होते हैं जो एनर्जी मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट करते हैं, साथ ही इसमें जिंक और आयरन भी होता है - जो इम्यूनिटी फंक्शन और ऑक्सीजन ट्रांसपोर्टेशन के लिए जरूरी है.

चिकन में फैट भी कम होता है, जो इसे उन महिलाओं के लिए एक स्मार्ट ऑप्शन बनाता है जो गर्भावस्था के दौरान अपना वजन कंट्रोल करना चाहती हैं. इसमें विटामिन ए, विटामिन ई और सेलेनियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो मां और बच्चे दोनों को हेल्दी रखने में मदद करते हैं.

कैसे पकाएं चिकन?

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चिकन में कई तरह के बैक्टीरिया पाए जाते हैं इन्हें मारने के लिए चिकन को अच्छे से पकाना जरूरी है. अधपका या कच्चा चिकन कई बीमारियों का कारण बन सकता है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान खतरे का कारण बन सकता है. जरूरी है कि चिकन को अच्छे से पकाया जाए और साफ-सफाई का भी ख्याल रखा जाए.

सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है. साल्मोनेला जैसे किसी भी हानिकारक बैक्टीरिया को मारने के लिए चिकन को अच्छी तरह से पकाया जाना चाहिए. अधपका या कच्चा चिकन खाद्य जनित बीमारियों का कारण बन सकता है, जो गर्भावस्था के दौरान विशेष रूप से जोखिम भरा होता है. डॉ. घेई कहते हैं, "बशर्ते कि यह अच्छी तरह से पका हो, स्वच्छता से तैयार किया गया हो, संसाधित न किया गया हो और संयम से खाया जाए, तो चिकन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित और पोषण संबंधी रूप से फायदेमंद है."

सॉसेज जैसे प्रोसेस्ड चिकन में नमक की मात्रा बहुत ज्यादा हो सकती है और इन्हें सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए. ऑर्गेनिक या फ्री-रेंज चिकन भी एक अच्छा ऑप्शन है.

चिकन और गट हेल्थ

चिकन पौष्टिक तो होता है, लेकिन यह अपने आप में पेट की सेहत के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद नहीं होता.  चिकन को फाइबर युक्त सब्जियां (जैसे पालक, बीन्स और गाजर) और फर्मेंटेड फूड (जैसे दही या छाछ) के साथ खाना चाहिए, क्योंकि पेट के बैक्टीरिया फाइबर से पोषण लेते हैं. यह पाचन में मदद करता है और पेट के बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है. गर्भावस्था के दौरान गट हेल्थ का ध्यान रखना काफी जरूरी होता है. यह पाचन, पोषक तत्वों के अवशोषण और इम्यूनिटी में मदद करता है. 

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