Lifestyle Diseases In Indians: भारतीयों में बढ़ रहा इस 'साइलेंट' महामारी का खतरा, डॉक्टर्स बोले- देर होने से पहले तुरंत लें एक्शन

Epidemic: अपोलो हॉस्पिटल्स ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारतीयों में लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों के बारे में बताया गया है और चेतावनी दी गई है. इस पर ध्यान देना भी काफी जरूरी है.

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भारतीय में बढ़ रहा है बीमारियों का खतरा भारतीय में बढ़ रहा है बीमारियों का खतरा

आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 12:05 PM IST

Lifestyle Diseases In Indians: 'कोविड 19' जैसी खतरनाक महामारी के बाद अब भारत में एक और महामारी दस्तक देने वाली है. इस महामारी को डॉक्टर्स ने 'साइलेंट एपिडेमिक' महामारी नाम दिया है. इस नाम का मतलब यह है कि ये एक ऐसी महामारी है, जो चुपचाप भारतीयों को आहत कर रही है. इसके नाम पर जाने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है क्योंकि बेशक इसका नाम साइलेंट हो लेकिन इसका भारतीय पर असर खतरनाक और तेजी से होने वाला है.

आप इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि डॉक्टर्स ने इस महामारी के खिलाफ बिना देर किए तुरंत एक्शन लेने के लिए कहा है. अब आपके मन में ये सवाल जरूर उठेगा कि आखिर यह महामारी क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है? इसके बारे में पता करने के लिए हमें अपोलो हॉस्टिल्स द्वारा पेश की गई नई रिपोर्ट को समझना होगा. 

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डॉक्टर्स ने जारी की चेतावनी

'हेल्थ ऑफ द नेशन 2025' नामक यह रिपोर्ट 2.5 मिलियन से ज्यादा हेल्थ चेकअप्स पर आधारित है. इसमें पाया गया कि कई भारतीय ऐसे हैं लंबे समय से कई बीमारियों के साथ रह रहे हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि उन्हें यह पता भी नहीं है कि वह किसी तरह की बीमारी से पीड़ित हैं. जिन बीमारियों से भारतीय पीड़ित हैं वे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और फैटी लीवर हैं.

रिपोर्ट में सभी भारतीयों से आग्रह किया गया है कि वह सिर्फ शरीर में दिखने वाले लक्षणों का इलाज करने के बजाय कोई भी बीमारी होने से पहले ही रोकने पर ध्यान केंद्रित करें.

बिना लक्षण के बीमारियां कर रहीं अटैक

रिसर्च में सामने आए आंकड़ों के अनुसार, जिन लोगों का हेल्थ चेकअप किया गया था उन लोगों में से 65 प्रतिशत फैटी लीवर से पीड़ित थे. फैटी लीवर से पीड़ित लोगों में से 85 प्रतिशत लोग ऐसे थे, जो शराब नहीं पीते थे. इसके अलावा, 26 प्रतिशत हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित थे और 23 प्रतिशत डायबिटीज से पीड़ित थे. गौर करने वाली बात यह है कि इन सभी में इन बीमारियों के किसी भी तरह के कोई लक्षण नहीं थे. 

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अपोलो हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉ. प्रताप रेड्डी ने कहा कि बीमारी होने या उसके लक्षण दिखने से पहले ही अपनी हेल्थ का ध्यान रखना आज के जमाने में बहुत जरूरी है. यह सिर्फ आपके भविष्य के लिए नहीं, बल्कि आपके आज के लिए भी जरूरी है. उन्होंने स्कूलों, ऑफिसों और फैमिली दिनचर्या में हेल्थ एजुकेशन को शामिल करने का भी सुझाव दिया.

इतने लोगों को हैं ये बीमारियां

रिपोर्ट में कुछ अन्य चिंताजनक आंकड़े भी सामने आए. इसमें बताया गया कि मैनोपॉज के बाद की महिलाओं में, डायबिटीज 14 प्रतिशत से बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया. मोटापा 76 प्रतिशत से बढ़कर 86 प्रतिशत हो गया और फैटी लीवर 54 प्रतिशत से बढ़कर 70 प्रतिशत हो गया है. जिन कॉलेज के बच्चों का हेल्थ चेकअप किया गया था उनमें लगभग 3 में से 1 स्टूडेंट मोटापे से ग्रस्त था और 19 प्रतिशत हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी होने के करीब था. हेल्थ चेकअप किए गए 47,000 लोगों में से 6 प्रतिशत लोगों में डिप्रेशन के लक्षण दिखाई दिए. कई लोगों में विटामिन डी की कमी थी. 

अपोलो हॉस्पिटल्स की मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. सुनीता रेड्डी ने कहा कि लोगों को सिर्फ अपनी हेल्थ का ध्यान रखने से काम नहीं चलेगा. इन सबसे बचने के लिए उन्हें बहुत करना होगा. वह बोलीं, 'यह सिर्फ हेल्थ का ध्यान रखने के बारे में नहीं है, यह लोगों को अपने हेल्थ की जिम्मेदारी लेने के लिए सशक्त बनाने के बारे में है.'

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