खानपान की ये एक छोटी सी आदत कम करती है हार्ट अटैक का खतरा, आप भी सुधारें

हार्ट फेलियर तब होता है जब हार्ट शरीर की मांग के अनुसार प्रभावी ढंग से खून नहीं पंप नहीं कर पाता है. इसकी वजह से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है. हार्ट फेलियर एक क्रॉनिक बीमारी है. इसके कुछ खास लक्षण होते हैं.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 5:16 PM IST
  • कम सोडियम डाइट के फायदे
  • दिल के मरीजों पर असरदार
  • मेडिकल ट्रीटमेंट का भी रखें ख्याल

डाइट में नमक की ज्यादा मात्रा का दिल की बीमारी से सीधा कनेक्शन है. डॉक्टर्स हमेशा नमक की मात्रा कम लेने की सलाह देते हैं ताकि दिल से जुड़ी समस्याओं से बचा जा सके. हालांकि, इस पर शोध अब तक जारी है कि सोडियम की कम मात्रा अस्पताल में भर्ती होने या फिर इमरजेंसी से कैसे बचाती है. 'द लैंसेट' में छपी एक स्टडी में पाया गया है कि कम सोडियम वाली डाइट हार्ट फेल की समस्या वाले लोगों की जिंदगी में थोड़ा सुधार करता है लेकिन हॉस्पिटलाइजेशन जैसे मामलों को कम नहीं करता है.

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क्या कहती है स्टडी- स्टडी के शोधकर्ताओं ने पाया कि सोडियम की मात्रा कम करने से हार्ट फेलियर वालों को फायदा होता है. 800 लोगों पर की गई इस स्टडी में भाग लेने वाले लोगों को दो हिस्सों में बांटा गया था. इन सभी लोगों को क्रोनिक हार्ट फेलियर की दिक्कत थी. इसमें से एक समूह को कुछ दिनों तक कम सोडियम वाली डाइट दी जहां वो हर दिन 1,500 mg से भी कम सोडियम लेते थे. वहीं, दूसरे समूह के लोगों को उनके क्षेत्र के हिसाब से सोडियम की मात्रा दी गई. इन दोनों समूहों की करीब 12 महीने तक निगरानी की गई.

शोधकर्ताओं ने पाया कि कम सोडियम डाइट की वजह से अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में तो कमी नहीं आई लेकिन उनकी क्वालिटी लाइफ में काफी सुधार देखने को मिला. सोडियम की मात्रा घटाने का असर लंबे समय तक दिखता है. शोधकर्ताओं की सलाह है कि सिर्फ सोडियम की मात्रा घटाने से अस्पताल में भर्ती होने की संभावना नहीं कम की जा सकती. इसलिए दिल के मरीजों को दूसरे मेडिकल ट्रीटमेंट जारी रखने चाहिए.

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हार्ट फेलियर के लक्षण- हार्ट फेलियर तब होता है जब हृदय शरीर की मांग के अनुसार प्रभावी ढंग से खून नहीं पंप नहीं कर पाता है. इसकी वजह से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है. हार्ट फेलियर एक क्रॉनिक बीमारी है. इसके कुछ खास लक्षण होते हैं.

1.सांस की तकलीफ, लगातार खांसी या घरघराहट
2.अतिरिक्त तरल पदार्थ की वजह से सूजन
3.बहुत ज्यादा थकान महसूस होना
4.दिल की धड़कन तेज हो जाना

एक्सपर्ट्स अक्सर हार्ट फेलियर की समस्या वालों को कम नमक लेने की सलाह देते हैं. इसके पीछे ये वजह है कि सोडियम की मात्रा कम करने से हार्ट फेलियर वालों में बहुत ज्यादा फ्लूड बनने से रोकती है. डॉक्टर्स के अनुसार, हार्ट फेलियर वाले मरीजों को सोडियम सीमित मात्रा में लेना चाहिए क्योंकि सोडियम फ्लूड को बढ़ा सकता है और इसकी वजह से हार्ट फेल हो सकता है.

 

 

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