गूची, एडिडास का लाखों रुपये का छाता, बारिश से नहीं बचाएगा, लोग बोले- तो फिर किसलिए बनाया

गूची और एडिडास में मिलकर एक छाता बनाया है जो है तो छाता लेकिन बारिश से नहीं पाएगा. लाखों के इस छाते को लेकर चीन में काफी विरोध हो रहा है और लोग सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं कि इतना महंगा छाता किस काम का जब वो अपना काम ही न करे. इधर, कंपनी का कहना है कि ये छाता बस धूप से बचाने के लिए बना है.

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गुची, एडिडास के इस छाते पर चीन में विवाद (Photo- Gucci) गुची, एडिडास के इस छाते पर चीन में विवाद (Photo- Gucci)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2022,
  • अपडेटेड 10:30 PM IST
  • गूची एडिडास ने मिलकर बनाया लाखों का छाता
  • लेकिन बारिश से नहीं बचा पाएगा
  • चीन में छिड़ी बहस

लग्जरी ब्रांड गूची (Gucci) और स्पोर्ट्सवियर फर्म एडिडास एजी (Adidas AG) अपने एक छाते को लेकर चीन में सुर्खियों में हैं. दोनों कंपनियों ने मिलकर जो छाता बनाया है, उसकी कीमत तो लाखों में है लेकिन जिस काम के लिए छाते का इस्तेमाल किया जाता है, वहीं काम उस छाते से नहीं लिया जा सकता. इसी बात को लेकर चीन के लोग इन ब्रांड्स को निशाना बना रहे हैं. 

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चीन में दोनों कंपनियों का बनाया हुआ छाता 11,100 युआन (लगभग एक लाख 27 हजार 750 रुपये) में बेचा जा रहा है. कंपनियों ने अपने डिस्क्लेमर में इस बात को स्पष्ट किया है कि ये छाता बस धूप से बचाने के लिए डिजाइन किया गया है. इस छाते का इस्तेमाल बारिश से बचने के लिए नहीं किया जा सकता.

चीन के सोशल मीडिया साइट वीबो पर इसे लेकर खूब बातें हो रही हैं और हैशटैग चल रहा है कि 11,100 युआन में बेचा जा रहा छाता बारिश से नहीं बचा सकता. इस हैशटैग को 14 करोड़ से अधिक व्यूज मिले हैं.

Gucci और एडिडास ने अपने डिस्क्लेमर में लिखा है कि ये छाता बारिश के पानी को नहीं रोक पाएगा बल्कि धूप से बचने के लिए फैशन के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

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चीन में हुए इस पूरे विवाद पर ब्लूमबर्ग ने एडिडास और गूची के प्रतिनिधियों से बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका.

चीन में कम्युनिस्ट सरकार होने की वजह से इस तरह के पश्चिमी लग्जरी ब्रांड्स और उनके प्रोडक्ट्स को अक्सर विरोध का सामना करना पड़ता है. पिछले साल भी कई लग्जरी ब्रांड्स के शेयर गिर गए थे.

चीन में बढ़ते राष्ट्रवाद का असर एडिडास जैसी पश्चिमी कंपनियों पर पड़ा है और वो चीन के बाजार में संघर्ष कर रही हैं. उन्हें स्थानीय कंपनियों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है और कई बार वो बहिष्कार भी झेलती हैं.

चीनी सोशल मीडिया साइट पर लाओटन डियानशांग नाम के एक यूजर ने जिनपिंग के समानता के नारे का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे उत्पाद 'आम लोगों' के लिए नहीं हैं.

इन सबके बावजूद भी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां चीन में अपना व्यापार जारी रखना चाहती हैं क्योंकि चीन का तेजी से उभरता मध्यम वर्ग कंपनियों के लिए एक बड़ा आकर्षण है और वो इससे आंख नहीं मूंद सकतीं. 

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