Turmeric Powder vs Kachi Haldi: भारतीय घरों में मिलने वाले हल्दी सिर्फ किचन तक ही सीमित नहीं है. यह खाने का स्वाद तो बढ़ाती ही है साथ ही सेहत का भी ख्याल रखती है. करक्यूमिन से भरपूर हल्दी अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जानी जाती है. यह जोड़ों के दर्द को कम करने, पाचन में सुधार करने और इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद करती है. वैसे तो हम अपने घरों में आमतौर हल्दी पाउडर का इस्तेमाल करते हैं लेकिन आप जानते हैं कि कच्ची हल्दी भी होती है? इसका उपयोग ज्यादातर मंदिरों और शुभ कार्यों में किया जाता है. तो चलिए जानते हैं दोनों हल्दी में से किस हल्दी का ज्यादा उपयोग करना चाहिए और कौन सा हल्दी हमारे लिए ज्यादा हेल्दी है.
न्यूट्रेशन के मामले में
कच्ची हल्दी को ताजा हल्दी भी कहा जाता है, इसमें नेचुरल ऑयल ज्यादा होते हैं जो करक्यूमिन के एब्जॉर्बशन को बढ़ाते हैं. इसमें विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होता है. दूसरी ओर, हल्दी पाउडर कर्क्यूमिन से भरपूर होता है, लेकिन इसक बनाने में जो प्रॉसेस्ड होता है उसके कारण नेचुरल ऑयल और पोषक तत्व कम हो जाते हैं.
करक्यूमिन
कच्ची हल्दी में वजन के हिसाब से करक्यूमिन की मात्रा कम होती है लगभग जो लगभग 2-5% होती है. हल्दी पाउडर में करक्यूमिन की मात्रा प्रोसेस्ड के कारण 5-8% तक होती है.
शेल्फ लाइफ
कच्ची हल्दी की शेल्फ लाइफ कम होती है. फ्रिज में रखने पर यह 2-3 सप्ताह चल सकती है. जबकि हल्दी पाउडर को स्टोर करना आसान होता है और यह महीनों तक चलता है.
दोनों में बेस्ट कौन है?
ऐसा कहा जाता है कि ज्यादा न्यूट्रेशन और नेचुरल होने के कारण कच्ची हल्दी ज्यादा हेल्दी है. लेकिन सुविधा की दृष्टि से देखें तो हल्दी पाउडर लोगों के लिए बेहतर है. अच्छा ये होगा कि आप दोनों हल्दी का यूज करें. हल्दी पाउडर का उपयोग खाना पकाने के लिए कर सकते हैं तो वहीं कच्ची हल्दी को आप जूस या चाय में डालकर यूज कर सकते हैं.
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