गणपति का प्रिय भोग है मोदक, उकड़ीची से चॉकलेट तक, जानें कितनी हैं वैरायटी

गणेश चतुर्थी पर अगर आप अपने हाथों से मोदक बनाना वाले हैं तो सिर्फ एक ही फ्लेवर के क्यों आप बड़ी आसानी से तरह-तरह के फ्लेवर के मोदक बना सकते हैं. आइए देखते हैं मोदक के अलग-अलग फ्लेवर.

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Modak (Image: Getty Images) Modak (Image: Getty Images)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:00 PM IST

देशभर में धूमधाम से मनाए जाने वाला त्योहार गणेश चतुर्थी आने वाला है. गणेश चतुर्थी को 10 दिनों तक मनाया जाता है, इसमें 10 दिनों तक भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिसमें उनके प्रिय मोदक का भोग जरूर लगाया जाता है. इस गणेश चतुर्थी पर कुछ खास करने के लिए आप अपने हाथों से मोदक बनाकर गणपति को भोग लगा सकते हैं. बाजार में मोदक की कई वैरायटी मिलती हैं.. उकचीड़ी, फ्राइड, रवा समेत आप कई तरह के मोदक बना सकते हैं. आइए देखते हैं, बाजार में मिलने वाले तरह-तरह के मोदक की लिस्ट.

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उकड़ीची मोदक:
यह सबसे मशहूर मोदक हैं और गणेश चतुर्थी के प्रमुख व्यजंनों में से एक है. यह हर साल गणेश चतुर्थी पर बनाए जाते हैं. इसमें चावल का आटा बनाकर गोली बनाई जाती है, फिर उसमें गुड़ और नारियल का मिश्रण डालकर बंद किया जाता है, इसके बाद स्टीम करके इसे तैयार किया जाता है.

फ्राइड मोदक:
फ्राइड मोदक को चावल के आटे और तरह-तरह की फिलिंग्स से ही तैयार किया जाता है लेकिन स्टीम करने की बजाए इन्हें तेल में तलकर बनाया जाता है. 

रवा मोदक:
रवा मोदक और उकड़ीची मोदक एक जैसे ही होते है, इसमें बस इसके बाहरी कवरिंग में फर्क होता है. रवा मोदक की कवरिंग सूजी से की जाती है और बाकी मोदक की चावल के आटे से की जाती है. 
 
चॉकलेट मोदक:
चॉकलेट मोदक बच्चों को काफी ज्यादा पसंद आते है. इसकी फिलिंग के लिए आपको दूध, खोया, और चॉकलेट की जरूरत होती है. हालांकि इसकी बाहरी परत चावल के आटे से ही बनाई जाती है. इन्हें स्टीम में पकाया जाता है. 

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ड्राईफ्रूट मोदक:
ड्राईफ्रूट मोदक को आप काजू, पिस्ता, बादाम, अखरोट को दरदरा पीसकर बना सकते हैं. इसमें आप इलायची पाउडर और किशमिश भी डाल सकते है. यह स्वाद में बेहद लाजवाब लगते हैं. 

रोज़ गुलकंद मोदक:
रोज़ गुलकंद मोदक को गुलकंद से बनाया जाता है. इसमें नारियल के बुरादे को भी डाला जाता है. रोज़ गुलकंद मोदक को गुलकंद और नारियल के मिश्रण को भरकर स्टीम किया जाता है.

सारणेची मोदक:
ये मोदक महाराष्ट्र के कोंकण वासियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं. इनमें चावल के आटे से बने मंडपूरी और सारणे (चने के दाने) का मिश्रण होता है.

इनमें से कुछ मोदक मिठाई के रूप में और कुछ भोजन के रूप में बनाए जाते हैं, लेकिन सभी मोदक गणेश जी के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रसाद होते हैं, जो उनकी पूजा और आराधना के साथ-साथ विशेष अवसरों पर भी तैयार किए जाते हैं.

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