अपने सपनों के पीछे भागते हुए लोग कई बार थक जाते हैं. इस स्थिति में, हमारे शरीर को एनर्जी के साथ ही प्रोटीन की भी जरूरत होती है ताकि हमारा शरीर तेजी से काम कर सके. इसके लिए सद्गुरु ने 3 हाई प्रोटीन और हाई एनर्जी सुपरफूड्स के बारे में बताया है. आइए जानते हैं क्या हैं वो 3 सुपरफूड्स जो आपके शरीर में एनर्जी के लेवल को बढ़ाते हैं.
गंजी- हाई प्रोटीन और हाई एनर्जी के लिए सद्गुरु गंजी पीने की सलाह देते हैं. यह एक मल्टीग्रेन हेल्दी ड्रिंक है जिसे ज्वार, बाजरा, रागी, गेहूं, चावल, भुने हुए चने, मूंग दाल, मूंगफली, इलायची, लौंग, सोंठ और सोयाबीन से बनाया जा सकता है. सद्गुरु के मुताबिक, रात भर भिगोई गई मूंगफली इसे पोषण का सबसे अच्छा स्रोस बनाती है. इसमें हरे चने का भी उपयोग किया जाता है, जो घुलनशील फाइबर से भरपूर होता है और पाचन के लिए अच्छा होता है. और बाजरा शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है. रागी कैल्शियम और आयरन का एक अच्छा स्रोस है, जो एनर्जी देता है और इलायची, लौंग और अदरक जैसे मसालों का उपयोग पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करता है.
मूंगफली और केला- मुट्ठी भर भीगी हुई मूंगफली और एक केला एनर्जी बढ़ाने वाले बेहतरीन तरीकों में से एक है. सद्गुरु के अनुसार, यह अपने आप में एक संपूर्ण भोजन है. सद्गुरु कहते हैं, अगर आप इसे 6-8 घंटे से ज़्यादा भिगोते हैं, तो यह पित्त नामक कुछ तत्वों को कम कर देता है. सद्गुरु भीगी हुए मूंगफली, केले और शहद का शेक बनाने का सुझाव देते हैं. यह आपको 4-6 घंटे तक भरा रखेगा और आपको एनर्जेटिक भी बनाए रखेगा.
एक्सपर्ट्स के अनुसार, भीगी हुई मूंगफली में मौजूद प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत में मदद करता है. इसके अलावा, भीगी हुई मूंगफली में नियासिन जैसे विटामिन बी होते हैं, जो कोशिकाओं में एनर्जी प्रोडक्शन और ब्रेन फंक्शनिंग में अहम भूमिका निभाते हैं, जिससे मानसिक और शारीरिक ऊर्जा बढ़ती है. मूंगफली में मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट भी होते हैं जो बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करने और हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.
तिल और नारियल- शरीर में एनर्जी को ब़ाने के लिए सद्गुरू तिल को बेहद फायदेमंद मानते हैं. उन्होंने बताया कि भुने हुए तिल और भुना नारियल एक हाई प्रोटीन और हाई एनर्जी का कॉम्बिनेशन बनाते हैं. एक स्टडी के अनुसार, तिल में सेसमिन और सेसमोलिन नामक लिग्नान होते हैं जिनमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो लिपिड मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने और माइटोकॉन्ड्रियल फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं. तिल में हेल्दी फैट, प्रोटीन और फाइबर की हाई मात्रा ब्लड शुगर के लेवल को बैलेंस करके और फैट मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देकर बैलेंस एनर्जी बनाए रखने में मदद करते हैं, जिससे अचानक होने वाली एनर्जी लॉस को रोका जा सकता है.
आजतक लाइफस्टाइल डेस्क