सुप्रीम कोर्ट को दो और जज मिलने वाले हैं. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली और मुंबई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने मंजूरी देते हुए परवाना जारी कर दिया है.
जस्टिस पंचोली के शपथ ग्रहण के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में गुजरात हाईकोर्ट मूल वाले जजों की तादाद 3 हो जाएगी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट जजों की पूरी क्षमता 34 जजों के साथ काम करने लगेगा. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के 48 घंटों के भीतर नियुक्ति पत्र जारी कर दिया है. हालांकि कॉलेजियम ने 4:1 के बहुमत से ये प्रस्ताव पारित किया गया था.
जस्टिस बीवी नागरत्ना ने असहमति का नोट दिया था. इसके बाद विस्तृत नोट सार्वजनिक भी हो गया. जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि पहले ही सुप्रीम कोर्ट में गुजरात के दो जज हैं. तीसरा जज लाने से क्षेत्रीय संतुलन भी बिगड़ेगा. साथ ही ये नियुक्ति न्याय प्रशासन के लिए ‘उल्टा असर’ करेगी और कॉलेजियम सिस्टम की विश्वसनीयता भी सवालों के कठघरे में होगी.
उनका विरोध खास तौर पर जस्टिस पंचोली के गुजरात हाईकोर्ट से पटना हाईकोर्ट तबादले की परिस्थितियों पर था. क्योंकि जिस तरह जस्टिस पंचोली को पटना हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाकर भेजा गया और अब उनको सुप्रीम कोर्ट बुलाने की तैयारी है. जस्टिस पंचोली अगस्त 2031 में जस्टिस जॉयमाल्य बागची के सेवानिवृत्त होने के बाद वरिष्ठतम जज होंगे. लिहाजा उनको देश का चीफ जस्टिस बनाया जा सकता है. लिहाजा वो चीफ जस्टिस बनाए जाने वाले जजों की कतार में आ जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने की सिफारिश करने वाले 5 जजों के कॉलेजियम में सीजेआई के अलावा जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रमनाथ, जस्टिस जेके महेश्वरी और जस्टिस बी वी नागरत्ना हैं. शीर्ष न्यायालय में इस समय जजों के 2 पद रिक्त हैं. जस्टिस अराधे और जस्टिस पंचोली को यहां जज नियुक्त करने पर सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या फिर 34 हो जाएगी. यानी कुल स्वीकृत पद पूरे भर जाएंगे.
संजय शर्मा